JVM के कार्यकर्ताओं ने फूंका बाबूलाल मरांडी का पुतला

गोड्डा। पहले झारखंड विकास मोर्चा विधायक दल के नेता पद से हटाने एवं अब पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी की ओर से विधायक प्रदीप यादव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण की मांग किए जाने से झाविमो विधायक श्री यादव समर्थक पार्टी कार्यकर्ता अपनी पार्टी के सुप्रीमो के खिलाफ काफी मुखर हो गए हैं। नाराज झाविमो कार्यकर्ताओं ने बुधवार की शाम जिला मुख्यालय के कारगिल चौक पर अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का पुतला फूंक कर अपनी नाराजगी का इजहार किया।
दरअसल, विधायक प्रदीप यादव को झाविमो विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के बाद से ही इस जिला के झाविमो कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर असंतोष सुलग रहा था। बावजूद इसके विधायक श्री यादव के पार्टी सुप्रीमो श्री मरांडी के प्रति नरम रुख के कारण झाविमो कार्यकर्ता खुलकर अपनी नाराजगी का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन इस बीच झाविमो सुप्रीमो श्री मरांडी द्वारा विधायक श्री यादव को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बाद उनके समर्थक पार्टी कार्यकर्ताओं का सब्र का बांध टूट गया है। खुद विधायक श्री यादव कारण बताओ नोटिस के जवाब में पार्टी सुप्रीमो को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कर रहे हैं। अपने नेता के रुख को भांपते हुए समर्थक कार्यकर्ता भी अपनी चुप्पी तोड़ने लगे हैं। इस क्रम में झाविमो कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का पुतला दहन कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे लोग खुलकर प्रदीप यादव के साथ हैं।
पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के बावजूद विधायक श्री यादव अपनी पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के विरुद्ध खुलकर बोलने से कतराते रहे थे। मीडिया कर्मियों के काफी पूरे देने के बावजूद श्री यादव का जवाब होता था कि वे श्री मरांडी के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन जब मीडिया के माध्यम से श्री यादव को पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने की जानकारी मिली है, तब से वे श्री मरांडी के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं। श्री यादव का कहना है कि झाविमो अध्यक्ष श्री मरांडी खुद पार्टी संविधान एवं पार्टी की नीतियों का उल्लंघन करते हुए भाजपा के साथ कदमताल करने में लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में श्री मरांडी को ही पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
स्वयं को विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने पर आपत्ति जताते हुए श्री यादव कहते हैं कि विधायकों की बैठक में उन्हें नेता चुना गया था ‌। ऐसी स्थिति में बगैर विधायकों की सहमति से उन्हें नेता पद से नहीं हटाया जा सकता है ‌। झाविमो सुप्रीमो श्री मरांडी के अधिकार को परोक्ष रूप से चुनौती देते हुए श्री यादव कहते हैं कि वे अब भी पार्टी विधायक दल के नेता हैं। श्री यादव ने हेमंत सोरेन सरकार से झाविमो के समर्थन वापसी पर भी श्री मरांडी के स्टैंड को चुनौती दी है।
मालूम हो कि बीते विधानसभा चुनाव में झाविमो टिकट पर तीन विधायक निर्वाचित हुए थे। पार्टी विधायकों में श्री मरांडी एवं श्री यादव के अलावे बंधु तिर्की भी शामिल थे। लेकिन झाविमो सुप्रीमो द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बंधु तिर्की को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। श्री तिर्की भी बाबूलाल मरांडी के भाजपा से बढ़ती नजदीकी का विरोध करते रहे हैं। जाहिर है पार्टी के 3 विधायकों में से दो जहां झाविमो के भाजपा में विलय के खिलाफ हैं, वहीं झाविमो सुप्रीमो श्री मरांडी पार्टी का भाजपा में विलय करने की राह पर अग्रसर हैं।
भाजपा में झाविमो के विलय का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ही श्री मरांडी ने जहां पहले पार्टी विधायक बंधु तिर्की को पार्टी से निलंबित किया, वहीं अब प्रदीप यादव को भी पार्टी से निलंबित करने की तैयारी की जा रही है, ताकि दल बदल विरोधी कानून की गाज से बचा जा सके। पार्टी के 2 विधायकों के भाजपा में विलय के खिलाफ जाने पर श्री मरांडी को भाजपा में पार्टी का विलय करने की स्थिति में दल बदल विरोधी कानून की आस का सामना करना पड़ सकता था। 3 में से 2 विधायकों के विलय के खिलाफ खड़े होने की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष के संज्ञान में मामला आने के बाद श्री मरांडी की विधायकी पर खतरा मंडरा सकता था। ऐसी स्थिति में भिलाई की राह में आ रहे कांटे को हटाने के लिए श्री मरांडी पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से दोनों विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में लगे हैं, विश्व की विलय की स्थिति में दल बदल विरोधी कानून के शिकंजे से बचा जा सके।

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