*Godda News: हूल दिवस पर याद किए गए क्रांति के महानायक*
रिपोर्ट:-दीपक ठाकुर
गोड्डा।
1855 में अंग्रेजो के खिलाफ सिद्धो- कन्हू के नेतृत्व में पहला आंदोलन हुआ था। लेकिन उस समय के इतिहासकारों ने इस आंदोलन को संताल हूल की संज्ञा दीlलेकिन सच बात यह है कि देश के आजादी की लड़ाई का पहला विगुल सिद्धो- कन्हू ने फूंका थाl और इनका पूरा परिवार सिद्धो- कन्हू ,चाँद- भैरव ,झानो-फूलों के नेतृत्व में लंबा आंदोलन चला था।
जिसके कारण सभों को फांसी दे दी गई थी। इनका नारा था जब सूर्य की रोशनी एवं हवा पर कोई टैक्स नहीं है ,तो जमीन पर टैक्स क्यों।लगभग 10 हजार लोग जिसमें सभी जाति धर्म के लोग थे। और सभी लोग साहिबगंज (भोगनाडीह)से पोटली में मिट्टी लेकर के उस तत्कालिक शासक जो कोलकाता में रह रहे थे, उनके सामने प्रदर्शन किया और उन्हीं की याद में प्रत्येक वर्ष 30 जून को हम लोग हूल दिवस मनाते हैं।
लेकिन आजादी के बाद सरकारों ने ना इनकी जन्मभूमि पर ध्यान दिया। यही कारण है कि आज उनके छठी पीढ़ी के वंशज फटे-हाल स्थिति में है। जबकि इस गांव को राष्ट्रीय पैमाने पर विकास के दृष्टिकोण से मॉडल गांव बनाना चाहिए था। ताकि आज की पीढ़ी उसके जीवन से प्रेरणा ले सकें और उनके वंशज की जो हत्या हुई है न्याय के लिए सीबीआई जांच हो क्योंकि यह युवाओं के प्रेरणा स्रोत है।आज भी याद किया जाता है।
आज गोड्डा के कारगिल चौक स्थित सिद्धो- कन्हू के प्रतिमा में पूर्व विधायक प्रशांत मंडल, जिला अध्यक्ष राजेश झा ,पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव मेहता ,पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अजीत सिंह, पवन झा ,गजाधर सिंह ,जिला सचिव कृष्ण कन्हैया, महिला अध्यक्षा रिंकी देवी ,प्रमोद सोरेन और पोड़ैयाहाट प्रखंड के डांडे़ चौक स्थित सिद्धो- कन्हू प्रतिमा पर भाजपा नेता बिमन्त कुमार , अरविंद ठाकुर सहित कई गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण किया।
One thought on “*Godda News: हूल दिवस पर याद किए गए क्रांति के महानायक*”