1400 एकड़ जमीन में मिश्रित बागवानी की हुई शुरुआत

1400 एकड़ जमीन में मिश्रित बागवानी की हुई शुरुआत
– बिरसा हरित ग्राम विकास योजना के तहत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की हो रही तैयारी

गोड्डा :
कोरोना से जंग के साथ ही झारखण्ड सरकार द्वारा यहां के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की गयी है।इस योजना के तहत किसानों की जमीन पर आम, अमरुद, नीम्बू का पेड़ लगाया जाएगा ।गोड्डा जिला में इस योजना के तहत 1400 एकड़ जमीन में आम एवं मिश्रित फल बागवानी लगाने का लक्ष्य है।जिले के प्रत्येक प्रखंडों में योजनाओं का चयन, तत्पश्चात स्वीकृत के बाद गड्ढे की खुदाई का कार्य किया जा रहा है। 31 मई तक सभी गड्ढे की खुदाई कर ली जायेगी।इस योजना के तहत आम्रपाली एवं मल्लिका प्रजाति के आम एवं एल-49 एवं इलाहाबादी सफेदा प्रजाति के अमरुद के पौधों लगाए जाएंगे। इसके चारो और इमारती पौधा भी लगाए जाएगा।

 

1400 एकड़ जमीन में मिश्रित बागवानी की हुई शुरुआत

नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के 200 हेक्टेयर ऊपरी टांड भूमि में टीसीबी एवं मेढबंदी तथा पुराने नाले (नहर) का पुनर्जीवन किया जाएगा, ताकि गांव का पानी गांव में तथा खेत का पानी खेत में रोक कर वर्षा जल को संरक्षित किया जाएगा।

उपरोक्त योजनाओ के क्रियान्वन से जहां बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण एवं प्रवासी मजदूरों को उनके अपने गांव में ही रोजगार मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है, वहीं उनकी आजीविका को सुदृढ़ करने के साथ साथ गोड्डा जिला को जल स्वाबलंबन की ओर ले जाने में सहायक हो रहा है।

प्रशासनिक सूत्रों ने दावा किया है कि वर्तमान समय में मनरेगा के तहत गोड्डा जिला के विभिन्न पंचायतो में औसतन 20000 मजदूर प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत वृक्षारोपण, विभिन्न सिंचाई की योजनाओं के अलावा स्वयं के बनाये जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में मजदूर कार्य कर रहे हैं।

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