दो दिनों से प्रवासी मजदूरों का उमड़ रहा है रेला -2 दिन के दौरान 3170 प्रवासी मजदूरों को लाया गया गृह जिला

दो दिनों से प्रवासी मजदूरों का उमड़ रहा है रेला
-2 दिन के दौरान 3170 प्रवासी मजदूरों को लाया गया गृह जिला
– रेल एवं बस के द्वारा अब तक लाए करीब 14 हजार प्रवासी मजदूर
– हजारों प्रवासी मजदूर पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल से भी पहुंचे घर
गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा।
पारिवारिक जीवन की गाड़ी खींचने के लिए गरीबी के कारण रोजी रोजगार की तलाश में सैकड़ों मील दूर गए इस जिले के श्रमिकों का लॉक डाउन के कारण घर आने का सिलसिला तेज हो गया है। परदेस में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चलाने के बाद प्रवासी मजदूरों के घर पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। विशेष ट्रेन एवं बस के माध्यम से करीब 14000 प्रवासी श्रमिक अपने गृह जिला पहुंच चुके हैं। इनमें से 9327 प्रवासी श्रमिकों को होम क्वारंटीन किया गया है, जबकि रेड जोन से आने वाले 4563 श्रमिकों को जिला क्वारंटीन केंद्रों में रखा गया है। रेल एवं बस के अलावे इस जिले में हजारों मजदूर पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल से भी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली……. से भी आए हैं। इनमें से बहुत सारे मजदूरों की जांच भी नहीं हो सकी है।
शासन एवं प्रशासन की ओर से की गई विशेष श्रमिक ट्रेन एवं बस के माध्यम से दो दिनों के दौरान मजदूरों का रेला आ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, किसी एक दिन सर्वाधिक मजदूर आज शुक्रवार को लाए गए। आज 1796 मजदूर गोड्डा पहुंचे। वही एक दिन पूर्व गुरुवार को 1374 मजदूर लाए गए थे। इस तरह दो दिन के दौरान रेल एवं बस से पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या 3170 है।
इस दो दिन के दौरान गृह जिला लाए गए कुल 3170 प्रवासी मजदूरों में से 2446 को जिला क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखने की व्यवस्था गया है। जबकि इसके पूर्व लाए गए 10781 प्रवासी मजदूरों में से 2117 श्रमिकों को जिला क्वॉरेंटाइन केंद्रों में शिफ्ट किया गया था। इस तरह कुल 13951 प्रवासी श्रमिकों में से 9327 को होम क्वारांटीन एवं 4563 प्रवासी श्रमिकों को जिला
क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखा गया है।
जिला प्रशासन के ढीले ढाले रवैया के कारण जिला क्वॉरेंटाइन केंद्रों में अव्यवस्था का बोलबाला है। वहां रखे गए प्रवासी श्रमिकों को मैं तो समय पर खाना उपलब्ध हो पा रहा है और न पानी की समुचित व्यवस्था की गई है। जगह के अभाव में ढेरों प्रवासी श्रमिकों को बैठकर समय गुजारना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा जिला क्वॉरेंटाइन केंद्रों में आवश्यक सुविधा बहाल करने संबंधी आदेश महज कागज की शोभा बढ़ा रहा है। इसके कारण सरकारी क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखे गए प्रवासी श्रमिकों में असंतोष गहराता जा रहा है। प्रशासनिक अव्यवस्था से त्रस्त श्रमिकों ने कुछ जगहों पर नारेबाजी कर, सड़क जाम कर अपने रोष का इजहार करने के साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था की कली भी खोल दी है।
इस बीच अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए प्रशासन द्वारा फरमान जारी कर सरकारी क्वॉरेंटाइन केंद्रों में बाहरी लोगों या मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है, जिससे कि अव्यवस्था उजागर नहीं हो सके।

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