मोमबत्ती जलाकर एवं काली पट्टी बांधकर डॉक्टर जताएंगे विरोध
मोमबत्ती जलाकर एवं काली पट्टी बांधकर डॉक्टर जताएंगे विरोध
– जानलेवा कोरोना पीड़ितों को बचाने में अपनी जान की परवाह नहीं करने वाले डॉक्टरों के साथ अमानवीय व्यवहार से आईएमए एवं झासा आहत
गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा।
विश्वव्यापी जानलेवा करोना वायरस से संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए अपने जान तक की परवाह नहीं करने वाले चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के साथ संकट की इस घड़ी में भी कुछ जगहों पर दुर्व्यवहार किया जा रहा है। कोरोना पीड़ितों की इलाज करते करते स्वयं चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी भी इस जानलेवा वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने लगे हैं । कर्तव्य की बलिवेदी पर देश एवं विदेश में कई डॉक्टर शहीद हो चुके हैं। बावजूद इसके, दूसरों की जान बचाने वाले धरती के डॉक्टर रूपी भगवान के साथ कुछ सिरफिरे तत्वों द्वारा इस संकटकालीन परिस्थिति में भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। एक दिन पूर्व चेन्नई में कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत के मुंह में समाने वाले एक चिकित्सक को कब्र में दफनाने के समय उग्र भीड़ ने जिस तरह की हिंसक वारदात को अंजाम दिया, उसके कारण न सिर्फ चिकित्सक समुदाय में, बल्कि आम लोगों में भी असंतोष छलकने लगा है। चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग स्वाभाविक रूप से काफी आहत हैं। डॉक्टरों पर हो रहे हो अमानवीय हमले के खिलाफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन एवं झासा ने विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है, ताकि डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति सरकार की कुंभकर्णी निद्रा टूट सके।
आइएमए के राष्ट्रीय संघ एवं राज्य झासा के आह्वान पर देशभर के चिकित्सक 22 अप्रैल को रात्रि 9 बजे मोमबत्ती जलाकर सावधान ( व्हाइट अलर्ट) करेंगे तथा 23 अप्रैल को काली पट्टी बांधकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। यह जानकारी आईएमए की जिला सचिव सह झारखंड राज्य महिला विंग की सचिव डॉक्टर प्रभारानी प्रसाद ने दी।
उन्होंने बताया कि आईएमए एवं राज्य झासा संघ के आह्वान पर
गोड्डा जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सकों से अपील की जाती है कि वैश्विक महामारी (कोविड- 19)की इस संकट की घडी में भी देश के विभिन्न जगहों पर चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले की बढ़ती घटनाएं, कोरोना से चिकित्सकों की मृत्यु के पश्चात् उनके शवों के साथ अपमानजनक व्यवहार एवं आईएमए के लगातार मांग के बावजूद सरकार द्वारा इन घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कानून का आर्डिनेंस नही लाने के विरोध में दिनांक 22 अप्रैल दिन को रात्रि 9 बजे सभी चिकित्सक एवं अस्पताल एक मोमबत्ती जलाकर संपूर्ण राष्ट्र को सावधान (व्हाइट अलर्ट )करेंगे तथा 23 अप्रैल को काली पट्टी लगा कर कार्य स्थल पर काम करते हुए काला दिवस मनाएंगे।काला दिवस के बाद भी सरकार का रवैया अगर उदासीन रहा तो आगे की जो भी रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर तय होगा, हम सभी उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
डॉक्टर श्रीमती प्रसाद ने कहा कि आईएमए एवं झासा गोड्डा आप सभी चिकित्सकों एवं चिकित्सीय संगठनों को इस संघर्ष में शामिल होने के लिए अपील करती है।