और सचिन तेंदुलकर की शालीनता हमें सीख दे गई
—– और सचिन तेंदुलकर की शालीनता हमें सीख दे गई
रांची
कहते हैं न कि “पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को,
उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं होते”।
अगर हम सीखना चाहे तो बड़े लोगों से बहुत कुछ सीख सकते हैं वशर्तें कि हममें सीखने का जज्बा हो।
शनिवार का दिन था। भारत के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर रांची एयरपोर्ट पहुंचे। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। बताया जा रहा है कि वह ‘सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन’ के फुटबॉल कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हैं।
सचिन के साथ उनकी पत्नी अंजली भी आई हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि मैं यहां अपने फाउंडेशन के लिए आया हूं।
सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन यहां के यूथ फाउंडेशन के साथ मिलकर काम करता है। खासकर मैं यहां की महिला खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने आया हूं।
इसी क्रम में सचिन तेंदुलकर के फैन
एयरपोर्ट थाना प्रभारी कश्यप गौतम कहां रुकने वाले थे।
उन्होंने सचिन तेंदुलकर से हुई भेंट का अनुभव साझा किया और कहा कि उनकी शालीनता हमें सीख दे गई।
क्रिकेट के भगवान से भेंट कर वे गदगद हुए।
कड़ी धूप में कार्यक्रम समापन के बाद एयरपोर्ट पहुंचे और यहां भी प्रशंसकों को परंतु काफी समय दिया।
सबसे बड़ी बात तो यह रही की अफरा -तफरी के माहौल में भी उनमें झल्लाहट नहीं दिखी।
इतना सफल व्यक्तित्व की सरलता और शालीनता हमें सीख दे गई और अन्य को भी लेने की आवश्यकता है।
थाना प्रभारी ने बताया कि उस वक्त वह गदगद हो गए, जब सचिन सर ने उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।