शैलेंद्र भगत की मौत पर निशिकांत की राजनीति की खुली पोल ?
यूं तो मौत पर राजनीति करना भारतीय जनता पार्टी के लिए आम बात हो चुकी है, आपको याद ही होगा की कैसे हमारे देश के प्रधानमंत्री ने 2019 में पुलवामा में शहीद जवानों के नाम पर वोट मांग लिया था, अब जैसा गुरु सिखाएगा शिष्य तो वही दोहराएगा
गोड्डा लोकसभा के सांसद NISHIKANT DUBEY को आप हम और कौन नहीं जानता होगा सब जानते है, महोदय ने बीते दिनों ऐलान किया था की अगर गोड्डा लोकसभा से प्रदीप यादव को टिकट मिलता है तो वो प्रचार प्रसार नहीं करेंगे, सीधा काउंटिंग में पहुंचेंगे।
लेकिन प्रत्याशी का ऐलान अभी INDIA एलाइंस ने किया भी नही था की गोड्डा लोकसभा के अंदर किसी की मौत पर राजनीति का नंगा नाच अब शुरू हो गया है। किसी ने अपने पिता को खो दिया किसी ने अपने बेटे को खो दिया किसी ने अपने पति को खो दिया,
लेकिन इस मौत पर राजनीति चरम पर है, बीते दिनों पोर्रैयाहाट निवासी व्यापारी शैलेंद्र भगत को सड़क के बीचों बीच घेर कर 3 बाइक पर सवार 7 अपराधियों ने गोली मार दी।
गोली शैलेंद्र भगत को लगी मगर तमाचा गोड्डा जिला प्रशासन पर लगा और वो भी बेहद जोर से।
लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल किसी ने नहीं उठाया, और इस मौत के खेल को आपसी राजनीतिक रार का मोहरा बना दिया गया, दोस्तों घटना गुरुवार की है,जब शैलेंद्र भगत पोरैय्याहाट के बजरंगबली चौक पर बैठ कर आम दिनचर्या के अनुसार चाय पी रहे थे।
लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था की कुछ ही छन में उनके साथ कुछ ऐसा होगा जिसकी कल्पना न उन्होंने की होगी ना उनके परिवार वालो ने।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की शैलेंद्र भगत चाय दुकान की बेंच पर बैठे हुए थे।
इसी बीच मोटरसाइकिल पर तीन नकाबपोश युवक सामने आए और एकाएक गोलियां चला दी। भगाने के क्रम में मोटर साईकिल से अपराधी गिर पड़ा लेकिन उठ कर भागने में कामयाब रहा,शैलेंद्र भगत का शव सदर अस्पताल पहुंचने के बाद जानने वालों का जमावड़ा गोड्डा सदर अस्पताल में लग गया।
परिजनों को खबर मिलते ही उनके पैर तले जमीन खिसक गई और वो रोने और कलपने लगे।
जिसके बाद भाजपा के नेता राघवेंद्र सिंह, राजेश झा, संतोष सिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि पोड़ैयाहाट में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ।
अपराधियो का मनोबल बढ़ना प्रशासनिक ढिलाई का नतीजा होता है, इस बात में भी कोई दो राय नहीं है की अक्सर प्रशासनिक ढिलाई राजनेताओ के इशारे पर ही दी जाती है।
लेकिन शैलेन्द्र भगत की हत्या का मामला ही कुछ अलग बताया गया, इस घटना को किस तरीके से राजनीतिक रूप दिया गया इसको समझने के लिए आपको पहले गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का ये पोस्ट देखना होगा।
निशिकांत दुबे ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया जिसमे उन्होंने लिखा की “गोड्डा भाजपा के घोर समर्थक शैलेंद्र भगत जी को पौडैयाहाट में अपराधियों ने गोली मारी। इस हत्या ने मुझे मर्माहत कर दिया।
अपराधी एक पार्टी विशेष का कार्यकर्ता है, इस अपराधी व उसके आका को सलाख़ों के पीछे ले जाऊँगा”
सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया की शैलेन्द्र की हत्या राजनीतिक टकराव के कारण की गई है,लेकिन इस घटना के पीछे का कारण कुछ और ही है,
सांसद निशिकांत दुबे की पोल उस वक्त खुली जब पता चला कि शैलेन्द्र भगत के पुत्र अतुल भगत का पड़ैयाहाट है निवासी बिट्टू यादव के साथ पहले किसी बात को लेकर विवाद हुआ था,
इसी का बदला लेने के लिए बिट्टू और उसके साथी ने शैलेन्द्र भगत को मौत के घाट उतार दिया।
दोस्तों हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बिट्टू यादव के साथ पूर्व में अतुल भगत का किसी बात को लेकर विवाद हुआ इसी का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है।
बिट्टू पूर्व में भी डेविल्स ग्रुप का संचालन करने के मामले में कई महीनो तक जेल में रहा था,
दोस्तों घटना होने के बाद अब प्रशासन खोजबीन में लग गई है और शायद इन्हें खोज भी ले, लेकिन उससे भी बड़ा एक सवाल उठता है की डेविल्स ग्रुप इसी तरह से जब छिटपुट घटनाओं को अंजाम देता रहता था तो उसे किसके फोन कॉल पर रिहा किया जाता था? ये सवाल का जवाब गोड्डा के SP और नगर थाना अध्यक्ष को जरूर देना चाहिए ये एक बड़ा प्रश्नवाचक निशान प्रशासनिक कार्यशैली पर भी खड़ा करता है।
पड़ैयाहाट विधायक ने इस मामले पर शोक व्यक्त करते हुए बयान जारी किया और इस मुद्दे पर राजनीति करने से बचने की भी सलाह दी है।
हालांकि निशिकांत दुबे इस मुद्दे को राजनीतिक आग देने से जरा भी नहीं चुके अब देखना दिलचस्प होगा की प्रशासन अपराधियो को ढूंढने में कितना समय लेती है।
और कब तक इस मुद्दे को निशिकांत दुबे भुनाते रहते है… जान के जोखिम को मद्दे नजर रखते हुए इस ख़बर में ख़बर लिखने वाले का नाम हमने नही जोड़ा बाकी समझदार लोग कमेंट में अपना ज्ञान बांट सकते है।