धूमधाम के साथ मनाया गया ईद मिलाद उन नबी का त्यौहार
धूमधाम के साथ मनाया गया ईद मिलाद उन नबी का त्यौहार
दुमका।
नोनीहाट क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जश्ने -ईद ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिनमें नोनीहाट साधुडीह, बेलटिकरी, लगवा, सहित अन्य गांवों का भी नाम शामिल है। इस पर्व पर उक्त सभी गांवों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विराट जुलूस निकाला।
बता दें कि यह पर्व ईदे मिलाद व बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार इसी दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था इसलिए इस पर्व को ईद मिलाद-उन-नबी कहा जाता है, इस दिन नबी हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर यह त्यौहार मनाया जाता है। साथ हि बता दे कि इसे बारावफात भी कहा जाता है। बारा का अर्थ है बारह और वफात यानी इंतकाल।
इन दोनों ही नामों का संबंध पैगम्बर हजरत मोहम्मद से है
इस्लाम धर्म का त्योहार इसलामी कैलेंडर के आधार पर तय किया जाता है इसलिए इस त्यौहार की तारीख भी चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करती है इस वर्ष ईद मिलाद उन -नबी 28 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया गया।
जिसमे जुलूस निकालकर मोहम्मद साहब की बातों को याद किया जाता है । इस दिन हम सबको पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन और उसकी शिक्षाओं को याद करते हुए उनके द्वारा दी गई शिक्षा को अमल में लाने का संकल्प लेना चाहिए।
पैगंबर की तालीम पूरे मानव समाज की तरक्की और खुशनुदी के लिए है। उनका पैगाम प्रेम सहिष्णुता शांति एवं विश्व बंधुत्व का था सभी को पारस्परिक सौहार्द,आपसी प्रेम, एवं सहिष्णुता के साथ ईद ए मिलाद उन -नबी मनाना चाहिए।
पैगंबर मुहम्मद का जन्म या यौम एक पैदाइश सऊदी अरब के मक्का शहर में 571 ईसवी को हुआ था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह था,कहा जाता है कि हजरत साहब को 610 ई में मक्का के हीरा नाम की गुफा में कुरान की पहली आयत नाजिल हुई थी।
इसके बाद उन्हें उन्होंने इस्लाम धर्म के पवित्र कुरान का उपदेश दिया था हजरत मोहम्मद साहब का मानना था की सबसे नेक इंसान वही है जिसमें मानवता होती है हजरत मुहम्मद साहब का कहना था कि जो ज्ञान का आदर करता है वह मेरा सम्मान करता है किसी की राह में निकले हैं।
नौजवान कमेटी के तत्त्वावधान में अध्यक्ष आलम खान और सचिन मुमताज़ खान के नेतृत्व में एक जुलूस निकाला गया। जिसमें बड़े, बुजूर्ग, बच्चे हाथों में इस्लामिक झंडा लिए नारा लगाते चल रहे थे।
लोगों के लिए जगह जगह पर जलपान की भी व्यवस्था की गयी थी। जुलूस में मुख्य रूप से हारुण खान, लारे, मकबूल, सलीम, जावेद, कासिम, अजामूल, इरफान आदि शामिल रहे।
समाचार आज तक से नोनीहाट रमेश कुमार की रिपोर्ट