Dumka News:लाखों रुपए की लागत से बना जलमिनर सालों से बंद,

लाखों रुपए की लागत से बना जलमिनर सालों से बंद, 

जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट पंचायत अंतर्गत 14वें वित्त आयोग के तहत लाखों रुपए की लागत से लगाए गए जल मीनार सालों से बंद पड़ा है।पंचायत के विभिन्न गांवों में बढ़ते गर्मी से पेयजल की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है लेकिन  चिंता ना ही प्रशासन को है और ना ही जनप्रतिनिधि को है। 

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 नोनीहाट पंचायत के कुरवा गांव में 14वें वित्त आयोग के तहत बना जलमीनार पिछले 2 वर्षों से बंद पड़ा है जो पुराना बाजार स्थित दीपक सेन के घर के समीप है।

जबकि इसके अगल बगल  दो-दो स्कूल है उसके बावजूद भी अभी तक किसी पदाधिकारी या मुखिया की नजर उस जल मीनार में नहीं पड़ रही है कहने को तो मिस्त्री वहां से भेज दिया जाता है मगर लीपा पोती में ही समय खत्म हो जाता है।

उसी प्रकार मुखिया से लगा हुआ स्ट्रीट लाइट जो कि 5 साल वारंटी में बोला गया था मगर साल भर भी नहीं चला। ठेकेदार और बिचौलियों के बीच में यह रुपया गमन हो गई उसी प्रकार से स्कूल के सामने का भी बने जल मीनार पिछले 2 वर्षों से बंद पड़ा है,नोनीगांव स्थित हनुमान यादव के घर के समीप 14 लाख की लागत से बने जल मीनार पिछले 3 माह पूर्व बनकर तैयार लेकिन आज तक वह भी चालू नहीं हो पाया जिससे आसपास के ग्रामीणों की पेयजल समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

ग्रामीण पहले तो वह नल के सहारे जी लेते थे लेकिन सफेद हांथी बन चुके इस जलमिनार से ग्रामीणों को कोई फायदा नही हो रहा है।इस विषय पर ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो चापाकल से काम चला लिया करते थे मगर अभी तो जलमीनार लगने के बाद भी पानी का  का दर्शन नहीं हुआ है।

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पेयजल समस्या को लेकर कई बार हम सभी जनप्रतिनिधि और पंचायत सचिव के पास भी गुहार लगा कर थक चुके हैं।

लेकिन विगत 2 वर्षों से कोई पहल नहीं हुआ जबकि हर वर्ष चांपानल मरम्मती के नाम पर पंचायत में लाखों रुपए की निकासी की जाती है।

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जबकि कुछ चापाकल मरम्मत ही होती है और कुछ कागच में ही सीमित हो जाती है।

सरकारी नियमानुसार जल मीनार बनाने वाले संवेदक को 5 वर्ष तक रखरखाव भी करना है उसके एवज में संवेदक की जल मीनार निर्माण राशि में कटौती की जाती है।बावजूद पंचायत सचिव संवेदक की मिलीभगत के कारण ही ऐसा हो पाना संभव।

समाचार आजतक से नोनीहाट रमेश कुमार की रिपोर्ट

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