अमेरिका के एक पखवाड़े के प्रयास के बाद कल स्वदेश लौटेंगी विधायक दीपिका -यूएसए महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिलने की सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने गई थीं महागामा की विधायक

अमेरिका के एक पखवाड़े के प्रयास के बाद कल स्वदेश लौटेंगी विधायक दीपिका
-यूएसए महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिलने की सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने गई थीं महागामा की विधायक
गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा
अमेरिका में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने सौवीं वर्षगांठ के मौके पर इंटरनेशनल विजिटर्स लीडरशिप प्रोग्राम के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक पखवाड़े से अमेरिका का प्रवास कर रहीं महागामा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह 17 मार्च को स्वदेश लौटेंगी। विश्व के सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश अमेरिका में उन्होंने जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की विशेषताओं का बहुत ही सुंदर ढंग से बखान किया। विधायक ने अमेरिकी प्रवास के दौरान आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त करने के लिए 70 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा, जबकि भारतीय महिलाओं स्वतंत्रता के बाद वोट देने का समान अधिकार प्राप्त हो गया था।
अपनी कर्मठता, सांगठनिक क्षमता, संघर्षशीलता, लगनशीलता के कारण बीते विधानसभा चुनाव के दौरान
इस जिले के महागामा विधानसभा क्षेत्र से पहले चुनाव में ही कांग्रेसी टिकट पर विधायक निर्वाचित होने वालीं दीपिका पांडेय सिंह एक पखवाड़े से अमेरिका के दौरे पर हैं। उनके विधायक निर्वाचित होने के बाद झारखंड विधानसभा का पहला बजट सत्र चल रहा है। इसलिए क्षेत्रीय मतदाताओं के ज्वलंत मुद्दों को विधानसभा में उठाने के लिए उन्होंने अपने एक विधायक साथी को अधिकृत कर दिया है। यही कारण है कि अमेरिका में रहने के बावजूद महागामा की विधायक की ओर से विधानसभा में सवाल उठ रहे हैं और सरकारी भैंस की ओर से उसका जवाब भी आ रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने की सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वहां की सरकार के निमंत्रण पर श्रीमती पांडे अमेरिका गई हुई हैं। इंटरनेशनल विजिटर्स लीडरशिप प्रोग्राम के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अमेरिकी सरकार ने उन्हें न्योता दिया था ‌ उनकी स्वदेश वापसी 17 मार्च को होगी।
अमेरिकी दौरे का संस्मरण विधायक श्रीमती सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर साझा किया है। विश्व के सबसे प्राचीन लोकतांत्रिक देश अमेरिका में उन्होंने विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की खूबियों का बहुत ही सुंदर ढंग से वर्णन किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी महिलाओं को अपना मतदान अधिकार प्राप्त करने के लिए 70 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा, जबकि भारतीय महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त करने के लिए जरा भी संघर्ष नहीं करना पड़ा। विधायक श्रीमती सिंह के अनुसार, ‘मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से आई जिसने अपनी स्वतंत्रता के बाद से वोट देने का समान अधिकार महिलाओं को दिया था। ‘ मुझे गर्व है कि हमारे देश में महिला प्रधानमंत्री बनीं, राष्ट्रपति बनीं….. देश के प्रमुख पदों पर महिलाएं रहीं हैं।’ लेकिन अमेरिका को उस दिन को देखना है, जब सर्वोच्च पद पर महिला आसीन होंगी।
श्रीमती सिंह के अनुसार, मैं आशान्वित हूं कि आने वाले वर्षों में अमेरिका वासी एक महिला राष्ट्रपति को देखेंगे।
श्रीमती सिंह ने अपने अमेरिकी दौरे के लिए वहां के वाक्य मंत्रालय को धन्यवाद दिया है।” मैं अमेरिका के एक्सटर्नल अफेयर्स के मंत्रालय को धन्यवाद देती हूं कि मुझे आप अपने अपने राष्ट्र को समझने का मौका दिया है। सिर्फ झारखंड की एक महिला को नहीं, बल्कि पिछले 80 वर्षों में विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों के दो लाख से भी अधिक व्यक्तियों ने आकर अमेरिका को समझा। इसमें यू एस ए का इंटरनेशनल विजिटर्स लीडरशिप प्रोग्राम, वाणिज्य दूतावास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” इस राज्य प्रायोजित कार्यक्रम में वीएलपी के अधिकारी और स्वयंसेवक सुनिश्चित करते हैं कि हमारा प्रवास आरामदायक हो। हमने यहां घर जैसा महसूस किया।
विधायक श्रीमती सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि हम ऐसे समय मैं आए हैं जब डेमोक्रेट राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्राइमरी चुनाव चल रही है और हम विभिन्न स्थानों पर मतदान देख सकते हैं। उस समय विश्व के सबसे मजबूत राष्ट्र अमेरिका का दौरा करना एक महान अवसर था जब विश्व महिला दिवस मना रहा था। यूएसए के दौरे पर आने के मेरे सपने महिला दिवस से ठीक एक दिन पहले सच हो गए। हम एक ऐसे ही कार्यक्रम में विभिन्न राष्ट्रों की महिला राजदूतों से मिले।….. अमेरिका के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया। एक राष्ट्र में अलग-अलग समय, क्षेत्र, विभिन्न खाद्य पदार्थों का स्वाद लिया, अलग-अलग मौसम की स्थिति का अनुभव किया। अलग-अलग क्षेत्रों के स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, सिनेटरो, लेजिस्लेटरो से मिलना एक अलग खुशी थी। अमेरिकी एवं भारतीय महिलाओं की तुलना करते हुए श्रीमती सिंह ने लिखा है कि यूएसए की महिलाएं निश्चित रूप से हम से बेहतर हैं। संसद में 23 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व, 26 फ़ीसदी विधायक, हवाई अड्डों, होटलों, पुस्तकालयों, संग्रहालयों, अदालतों, कार्यालयों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों आदि में कामकाजी महिलाएं निश्चित रूप से बेहतर अवसर होने पर साबित करती हैं। लेकिन महिलाओं के समान अधिकार के लिए मील अभी भी चलना है।

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