Godda:विधायक ने सड़क के गड्ढे में बैठकर शुरू किया जल सत्याग्रह
विधायक ने सड़क के गड्ढे में बैठकर शुरू किया जल सत्याग्रह
#mahagama_News #महागमा #गोड्डा #Godda_News #Jharkhand_Youth_Congress #Nishikant_Dubey #MLA_DIPIKA_PANDEY_SINGH #jalsatyagrah
महागामा
बुधवार को सुबह महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह जल सत्याग्रह पर बैठ गई। दरअसल मेहरमा से पीरपैंती जाने वाली एनएच 133 की स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब है। मेहरमा, बाराहाट, पिरोजपुर आदि चौक पर बरसात और नाली का गंदा पानी सड़क पर आ गया है।
सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हैं और उसी गड्ढे में बैठकर विधायक श्रीमती सिंह ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
इनका कहना है कि जब तक सड़क की मरम्मत की नहीं हो जाती तब तक वह इसी गड्ढे में बैठकर अपना सत्याग्रह जारी रखेंगी। विधायक का कहना है कि सड़क की मरम्मत का जिम्मा केंद्र सरकार का है।
एनएच को सड़क बनाना है लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में दिलचस्पी नहीं ले रही है। विधायक ने क्षेत्र के सांसद निशिकांत दुबे को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सड़क मरम्मत का कार्य सांसद निशिकांत दुबे को करवाना चाहिए था।
यह मामला राज्य सरकार का नहीं है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुजारिश की है कि वह इस मामले में संज्ञान लें और सड़क मरम्मत का रास्ता भी निकालें। इधर सांसद निशिकांत दुबे भी कहां रुकने वाले थे।
ALSO READ-Godda:अंडर 17 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए गोड्डा का अंकित शामिल
सांसद श्री दुबे ने कहा कि महागामा की कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के खिलाफ धरने पर बैठी है। इस नेशनल हाईवे का स्टेट पथ निर्माण विभाग रखरखाव करता है। इसका पैसा केंद्र सरकार ने 75 करोड़ 6 महीने पहले दे रखा है।
राज सरकार का पथ निर्माण विभाग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी हैं, जिनकी लापरवाही या कमीशन खोरी के कारण नहीं बन पा रहा है। इसके पहले भी विधायक धान रोप चुकी है, मैंने उस दिन भी कहा था कि यह राज्य सरकार का रोड है। कल ही इस पथ का शिलान्यास मुख्यमंत्री जी ने किया विधायक जी साथ थी।इधर गोड्डा विधायक अमित मंडल भी कहां रुकने वाले थे। उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय विधायक महागामा जब विधायक नहीं थी तो सरकंडा के पास धान रोपनी कर रही थी। अब विधायक हैं और सरकार में भी हैं फिर भी अपने एनएच में जल मग्न होकर स्नान कर अपना विरोध दर्ज कर रही हैं।
विधायक श्री मंडल ने आगे कहा है कि उनका मानना है कि जनप्रतिनिधि को अपनी जवाबदेही से भागना नहीं चाहिए।जो अपने दायित्व से भागते हैं वहीं धान रोपने और इस तरह से अपना विरोध दर्ज करते हैं। इसके पीछे राजनीतिक सोच होती है कि लोग मुझ पर दोषारोपण न करके दूसरे पर दोषारोपण करें।