Dumka:इस गांव में एकमात्र जल मीनार जो अब ग्रामीणों का प्यास बुझाने में हो रहा नाकाम 

इस गांव में एकमात्र जल मीनार जो अब ग्रामीणों का प्यास बुझाने में हो रहा नाकाम 

 

रिपोर्टर– पंकज कुमार मंडल

गोपीकांदर प्रखण्ड अंचल क्षेत्र से लगभग 8 किलोमीटर जाड़ोपानी गांव में एक सोलर संचालित जल मीनार का निर्माण वर्षो पूर्व किया गया था। इस जल मीनार से पहाडिया और आदिवासी परिवारों का प्यास बुझता है। गांव में कुल 350 सदस्य है।

 

जल मीनार अब ग्रामीणों का प्यास बुझाने के लिये सक्षम नहीं है। सुबह चार बजे से ही पानी जल मीनार पर कतार लग जाता है। ग्रामीण बाल्टी और बाकी समान लेकर जल मीनार पहुंच जाते हैं।

जल मीनार से बून्द-बून्द पानी निकलने से ग्रामीणों को ओर ज्यादा परेशानी हो जाती है। बताया जाता है कि सोलर काफी पुराना हो चुका है लेकिन जिसके कारण चार्ज में समस्या हो रही है। ग्रामीण सोलर में बिजली कनेक्शन करने की मांग कर रहे हैं।

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पानी के लिए प्रतिदिन किचकिच होती है। सुबह से ही डेकची और बाल्टी लेकर मीनार के पास पहुँच जाते हैं। जल मीनार से पानी बहुत कम आता है। एक मात्र जल मीनार ही है जिससे ग्रामीण अपना प्यास बुझा रहे हैं। सरकार को पेयजल लेकर ध्यान देने की जरूरत है। – शांति कुमारी, गृहिणी

 

 

क्या गर्मी, क्या बरसात पानी की समस्या 12 माह रहती है। गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। कभी झरना का पानी भी पीना पड़ता है। ग्रामीणों के अलावे पालतू जानवरों के सामने भी पानी की काफी दिक्कत होती है। – सुखनी महारानी, गृहिणी

 

पानी की संकट को लेकर गोपीकांदर बीडीओ को जानकारी दी गई थी। उस समय टंकी से बिल्कुल पानी नहीं मिल रही थी। बोरिंग में पाइप की समस्या थी जो ठीक कर दिया गया। अब बड़ी समस्या सोलर में है जो चार्ज नहीं उठा पा रहा है। जल मीनार से पानी बून्द-बून्द निकल पाता है। पदाधिकारियों को इस ओर पहल करनी चाहिए। – मोहन देहरी, ग्रामीण

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हमलोग मनुष्य जीवन नहीं काट रहे हैं। जानवर जैसे जिदंगी हो गई है हम ग्रामीणों की। जिस तरह गंदा पानी जाड़ोपानी के ग्रामीण पिता है उसे देखकर आमलोगों को घृणा आएगी। यदि जल मीनार खराब हुई तो झरना के अलावे कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। मामले को लेकर जल्द दुमका उपायुक्त को अवगत कराया जाएगा। – अजय हांसदा, ग्रामीण!

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