GODDA:शस्त्र अनुज्ञप्ति को लेकर लोकमंच सचिव ने दिया उपायुक्त को आवेदन
शस्त्र अनुज्ञप्ति को लेकर लोकमंच सचिव ने दिया उपायुक्त को आवेदन
गोड्डा
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विगत लगभग तीन वर्षों से गोड्डा में शस्त्र अनुज्ञप्ति नवीनीकरण का प्रसासनिक कार्य बंद है।
इस अत्यंत गम्भीर मसले को उठाते हुए लोकमंच सचिव व अधिवक्ता सर्वजीत झा “अंतेवासी” ने उपायुक्त को आवेदन सौंपा है।
शनिवार को समर्पित आवेदन में श्री झा ने बिंदुवार सवालों को रेखंकित करते हुए पूछा है कि आखिर पूरे देश के अंतर्गत सिर्फ गोड्डा जिला में ही क्यों अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है।
जबकि जीवन रक्षार्थ शस्त्र की अनुज्ञप्ति ना सिर्फ संवैधानिक बल्कि मूल अधिकार है। यहां तक कि सभी अनुज्ञप्ति धारकों ने विहित प्रपत्र में निर्धारित राशि के साथ चालान एवं आवेदन समर्पित कर रखा है।
श्री झा ने कहा है कि जबकि नए अनुज्ञप्ति को निर्गत किये जाने की अधिकतम समय-सीमा 75 दिन है तो फिर नवीनीकरण को लगभग 3 साल तक रोके रखना कहाँ तक युक्ति एवं न्याय संगत है।
आगे उन्होंने उच्च न्यायालय के मन्तव्य का हवाला देते हुए कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने आयुध को पैतृक सम्पत्ति घोषित करते हुए इसे इसके उत्तराधिकारी के लिए
हस्तानांतरण के प्रक्रिया की जटिलता को दूर किए जाने का सुझाव दिया है वहीं गोड्डा में नवीनीकरण जैसी स्वाभाविक प्रक्रिया को लटकाकर इसे जटिल क्यों किया जा रहा है?
श्री झा ने कहा है कि जबकि 75 प्रतिशत अनुज्ञप्तिधारियों के पास पैतृक आयुध है जिसका कभी उन्होंने दुरुपयोग नहीं किया है तथापि इन्हें बारम्बार जाँच के दायरे में रखना और और वर्षों विचाराधीन रखना कहाँ तक उचित है?
श्री झा ने अपने आवेदन में इस बात का भी उल्लेख किया है कि अनुज्ञप्ति चाहे देश के किसी भी कोने से निर्गत हो उसे 16 अंकों का स्पेशल कोड दिया गया है जिससे कि उसका भौतिक सत्यापन कभी भी सम्भव है, तो फिर नवीनीकरण की प्रक्रिया को इतने लंबे समय तक क्यों टाला गया है।
अंत में उन्होंने प्रसासन से यह पूछते हुए की ऐसी परिस्थिति में कोई अनुज्ञप्ति धारी यदि जिला के बाहर जांच में पकड़े जाते हैं और बिना अनुज्ञप्ति
नवीनीकरण के जुर्म में उनपर कार्यवाही होती है तो फिर जो उनकी मानहानि होगी उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा, श्री झा ने उपायुक्त से शीघ्र संज्ञान लेते हुए शस्त्र नवीनीकरण की प्रक्रिया आरम्भ किए जाने की दरख्वास्त की है।