ग्रामीणों को मिली वैकल्पिक खेती की जानकारी

ग्रामीणों को मिली वैकल्पिक खेती की जानकारी

गोड्डा

कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में शनिवार को सुंदरपहाड़ी प्रखंड के महुआटांड़ ग्राम में प्रगतिशील किसानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण का विषय समन्वित कृषि प्रणाली तथा वैकल्पिक खेती था। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डा. रितेश दुबे ने बताया कि गोड्डा जिले में इस बार वर्षा नहीं होने के कारण धान फसल की रोपाई किसान नहीं कर सके।

इस स्थिति में किसान भाई कम अवधि, कम पानी एवं सूखा को सहन कर सकने वाली धान की प्रजाति नवीन, सहभागी, सबौर अर्द्ध जल का चयन करके धान की सीधी बुआई विधि से लगायें। दलहनी फसल अरहर, कुल्थी को वैकल्पिक खेती के रूप में अपनाएं।

समन्वित कृषि प्रणाली के तहत खेती के साथ- साथ मधु मक्खी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, बकरी पालन, फल उत्पादन, सब्जी उत्पादन, केंचुआ खाद का उत्पादन करके किसान बाजार में बेचकर अधिक लाभ कमा सकते हैं।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की 166 वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया।

ग्रामीणों को स्वच्छता के फायदे बताते हुए खाली पड़े खेतों में उगे गाजर घास को नमक के घोल से सुखाने के उपरांत गड्ढे में डाल कर गोबर के साथ मिलाकर एवं केंचुआ डाल कर केंचुआ खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी गई|

सभी प्रगतिशील किसानों के बीच अमरूद के पौधों का वितरण किया गया|

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