बेरोजगारों के साथ किया गया धोखा


बजट में युवाओं एवं बेरोजगारों के साथ किया गया धोखा: अभिषेक आनंद
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गोड्डा नगर इकाई के मंत्री अभिषेक आनंद ने कहा है कि झारखण्ड सरकार का बजट बहुत ही निराशाजनक है। चुनावी घोषणा को पूरा करने के बदले सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों के हाथ में झुनझुना थमाने का काम किया है।।
श्री आनंद ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में राज्य के युवाओं को सात हज़ार रुपये प्रतिमाह देने के वादे कर आई। लेकिन सत्ता में आते ही महीने के बजाय प्रतिवर्ष 7000 रुपये देने का बजट पास किया है। सात हज़ार रुपये प्रतिमाह पाने हेतु घंटो कतार में खड़े होकर युवाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का सही से लाभ मिल पाए। इस बजट ने झारखण्ड राज्य के युवाओं और बेरोजगारों का उपहास उड़ाया है।
श्री आनंद ने कहा कि बजट राज्य की व्यवस्थाओं को मजबूत न कर दिल्ली मॉडल लाकर सिर्फ लोकप्रिय बनने का मंशा तैयार कर रही है हेमंत सरकार । कुल मिला कर यह बजट छलावा और धोखा के अलावा कुछ नहीं है।

चुनावी वादे के अनुसार नहीं है सत्तारूढ़ दल का बजट: संजीव महतो

*सत्तारुढ़ दल के वजट उनके वादे के अनुसार नहीं-संजीव महतो*

*जनता को झुठे सपने दिखाकर सत्तासीन हुए हेमंत सोरेन*

आजसू पार्टी के केंद्रीय समिति के सचिव संजीव कुमार महतो ने झारखंड सरकार द्वारा पेश बजट को जनता के साथ सरासर धोखा बताया है और कहा कि यह पूर्णतया विजन लेस बजट है। इससे राज्य का भला नहीं हो सकता। यह पूर्णतया छलावा है। सबकुछ गोल-मटोल ढंग से पेश किया गया है। उच्च शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के बराबर भत्ता देना उन्हें जलील करने जैसा है।
श्री महतो ने कहा कि पिछली सरकार जहां किसानों को सीधा लाभ के द्वारा अच्छी खासी रकम दे रही थी, उसे बंदकर लगभग 15000 करोड़ के ऋण की जगह 2000 करोड़ का प्रावधान किसानों के लिए करना छलावा है। गरीबों को आवास बनाने के तीन लाख रुपये अपने चुनावी घोषणा पत्र में देने का वादा करके सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार ने गरीबों से धोखाधड़ी की है। किसानों का कर्ज माफ करने का वादा करने वाली पार्टी ने सत्ता में आते ही मात्र 50 हजार रुपए तक कर्ज माफी का प्रावधान बजट में किया है।
बजट में अपने चुनाव पूर्व वादों के अनुसार कुछ विशेष नहीं है । यह पुरानी परंपरा की तरह ही है इसमें राज्य हित की रणनीति नहीं है। पिछले सरकार की भी बजट का आकार इस बजट के ही आकार के लगभग था, पर धन संग्रह में हर बार राज्य लक्ष्य से पीछे रह जाता है।
श्री महतो ने कहा कि राज्य के साथ सोची समझी रणनीति के तहत धोखा हुआ है ‌। आजसू ऐसी गंदी राजनीति के विरुद्ध है। राज्य के सभी नेतृत्वकर्ता को इसपर संजीदगी से सोंचना चाहिए और झूठे वादे पर आधारित राजनीति कर वोट प्राप्त करने की कौशिश से बाज आना चाहिए। कहा,आम जनता राजनीतिक दलों एवं नेता के जुबान और वादों पर अपनी यकीन कर भविष्य तलाशते हैं । आम लोगों का विश्वास नेता और राजनीति पर बरकरार कैसे रखा जाए, यह जिम्मेदारी भी राजनीतिक दल व नेताओं की है। राज्य में सत्तारूढ़ दलों को चुनाव पूर्व वादों को पूरा नहीं कर पाने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
*Samacharaajtak*

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