किसानों के आगे झुकी मोदी सरकार लिया तीनो कृषि बिल वापस ,कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरा होने तक जारी रहेगा आंदोलन

_ प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी मोदी सरकार, तीनों कृषि कानून होंगे वापस लेकिन जारी रहेगा किसानों का आंदोलन

_ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, जिसके लिए लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, जिसके लिए लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम आज अपने संबोधन में कहा कि इस महीने (नवंबर 2021) के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर दिया जाएगा.

हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यह कानून किसानों के फायदे के लिए लाया था, खासतौर पर इससे छोटे किसानों का बहुत फायदा होता. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे इस बात को बहुत प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए जबकि कृषि अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया.

 

एक कमेटी के गठन का ऐलान

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा एक और बड़े फैसले का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए और एमएसपी को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो ऐसे विषयों से जुड़े निर्णय करेगी. पीएम मोदी के ऐलान के मुताबिक इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिकऔर कृषि अर्थशास्त्री होंगे.

 

विपक्ष की प्रतिक्रिया:

करीब दो साल तक तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग आज जाकर पूरी हुई है. इसके लिए सरकार और किसानों के बीच 11 बार वार्ता भी हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी. आज इन्हें वापस लिए जाने के फैसले पर विपक्ष की प्रमुख पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो. जय हिंद, जय हिंद का किसान.’ उन्होंने अपने ट्वीट के साथ 14 जनवरी का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया है जिसमें उन्होंने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि उनकी शब्दों को मार्क कर लें, सरकार ये बिल वापस जरूर लेगी.

 

किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन वापस नहीं होगा. टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा और उस दिन तक का इंतजार किया जाएगा जब तक इन्हें संसद में रद्द नहीं कर दिया जाता है. इसके अलावा टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे.

 

 

 

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