पेट्रोल-डीजल के भाव में लगातार बढ़ोत्तटी से महंगाई चरम पर, आम और खास हर कोई परेशान

पेट्रोल-डीजल के भाव में लगातार बढ़ोत्तटी से महंगाई चरम पर, आम और खास हर कोई परेशान

दुमका।

पेट्रोल और डीजल के दाम में हो रही लगातार वढ़ोत्तरी का सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है। महंगाई की वजह से आमजन ही नहीं बल्कि किसान, व्यापारी, संवेदक समेत हरेक वर्ग के लोग त्राहिमाम हैं। हाल यह कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की मार पर डीजल-पेट्रोल के भाव में रोजाना बढ़ोत्तरी जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। डीजल-पेट्रोल की कीमत में बढ़ोत्तरी के कारण खाद्यान्न, सब्जी, फल, निर्माण क्षेत्र और यात्री किराया पर भी पड़ रहा है।

अप्रैल से मई तक पेट्रोल में 2.58 और डीजल के दाम में 4.21 रुपये की वृद्धि

झारखंड की उपराधानी दुमका में शनिवार यानि 29 मई को पेट्रोल 90.77 रुपये प्रतिलीटर है। जबकि डीजल का भाव 89.80 रुपये है। जबकि एक माह पूर्व एक अप्रैल को दुमका में पेट्रोल की कीमत 88.19 रुपये प्रति लीटर थी। डीजल का भाव 85.61 रुपये प्रति लीटर था। मतलब यह कि दो माह के अंतराल में दुमका में पेट्रोल के भाव में 2.58 रुपये और डीजल के भाव में 4.21 रुपये का उछाल दर्ज हुआ है।

पेट्रोलियम पदार्थाें की कीमत में उछाल से महंगाई

निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यापारी व उपभोक्ताओं का मानना है कि पेट्रोल और डीजल के भाव में बढ़ोत्तरी का सीधा असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है। निर्माण कंपनी से जुड़े एक व्यापारी ने कहा कि डीजल-पेट्रोल की कीमत में बढ़ोत्तरी के कारण सीमेंट की कीमत 250 से बढ़कर 300 रुपये प्रति बैग हो गई है। चिप्स के ट्रांसपोर्टेशन पर 2000 रुपये प्रति ट्रक का इजाफा हुआ है। कहा कि जब प्रोजेक्ट का काम शुरू किए थे तब डीजल 60 से 70 रुपये प्रति लीटर थी और इसी के आधार पर प्राक्कलन तैयार किया गया था। अब जब डीजल का भाव बढ़ गया है तो प्रतिदिन डीजल मद में 4000 रुपये प्रतिदिन ज्यादा खर्च हो रहा है। अलकतरा 6000 रुपये टन से बढ़कर 8000 रुपये हो चुका है। मोबिल, ग्रीस और प्लास्टिक के भाव में भी डेढ़ गुणा उछाल आया है।

किसान हलकान-परेशान

खेती का काम करने वाले किसानों का दर्द भी छलक रहा है। जो किसान अपनी फसल को खेत से बाजार लाने के लिए आवागमन पर 100 रुपये खर्च कर रहे थे उन्हें अब 30 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि डीजल का भाव बढ़ने से सिर्फ आवागमन मद में प्रतिमाह 1000 रुपये का खर्च बढ़ गया है। इनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से बाजार में मंदी से सब्जियों के गिरे भाव पर मार जले पर नमक के जैसा है। इसी तरह से सरसों तेल के भाव में 30 से 50 रुपये प्रति लीटर उछाल आया है। प्याज 22 रुपये प्रतिकिलो की दर से बढ़कर 30 रुपये प्रतिकिलो हो चुका है। आलू के भाव में भी पांच से सात रुपये प्रति किलो की उछाल आई है। अंडा के भाव में भी प्रति कैरेट 22 रुपये तक उछाल है।

क्या कहते हैं लोग

अब डीजल और पेट्रोल की कीमत विश्व बाजार के क्रूड पर निर्भर है। भारत में 85 फीसद क्रूड बाहर से आता है। इसके अलावा डॉलर के वनिस्पत रुपये का कमजोर होना भी दाम बढ़ोत्तरी का कारण है।

-मनोज अग्रवाल, उपाध्यक्ष, झारखंड राज्य पेट्रोलियम एसोसिएशन, दुमका

डीजल-पेट्रोल की कीमत में बढ़ोत्तरी का सीधा मार संवेदकों पर पड़ा है। निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी परेशानी हो रही है। तमाम सामग्रियों का भाव बढ़ने से पूर्व के तय दर काम कराना मुश्किल और घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

-नीरज कोठरीवाल, व्यावसायी, दुमका

डीजल का भाव बढ़ने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन के कारण पहले से बाजार में सब्जियों का सही दाम नहीं मिल रहा है। डीजल का भाव बढ़ने से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। भाव कम करना चाहिए।

-सनत हांसदा, प्रगतिशील किसान, जामा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हर मोर्चा पर विफल है। खासकर महंगाई को कंट्रोल करना मोदी सरकार के वश की बात नहीं है। मोदी सरकार जनहित नहीं पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। मोदी सरकार के कामकाज से जनता त्राहिमाम है।

-श्यामल किशोर सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष, दुमका

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