राजमहल परियोजना ललमटिया कोयला खदान स्थित केंदुआ पोखर में रविवार की देर रात 11 बजे के करीब सीआईएसएफ के जवान के द्वारा एक मजदूर को कोयला चोर समझकर खदेड़ दिया गया था, जिससे भागने के क्रम में मो सिराजुद्दीन अंसारी उम्र 32 वर्ष बलिया निवासी अपना जान बचाने के क्रम में केंदुआ तालाब में कूद कर अपनी जान बचाने का प्रयास किया। वहीं पोखर में अत्यधिक गड्ढे होने की वजह से उसी में डूब गया, एवं काफी खोजबीन करने के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया, आक्रोशित परिजन के द्वारा सोमवार की सुबह जीरो पॉइंट पर कोयला धुलाई एवं उत्खनन का कार्य को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। एवं उनके साथ एक सहयोगी मोहम्मद सलीम अंसारी ने इसकी सूचना उनके परिजन को दी। जिसकी सूचना मिलने पर उनके परिजनों के द्वारा आक्रोशित होकर ईसीएल प्रबंधक व अनुमंडल प्रशासन की निगरानी में 48 घंटे तक लगातार खोजबीन चालू की गई ,जिसके लेकर गोताखोर को बांका के बोसी से बुलाया गया एवं जिला उपायुक्त गोड्डा भोर सिंह यादव के द्वारा एनडीआरएफ की टीम को देवघर से बुलाया गया। वही एनडीआरएफ की टीम के द्वारा मंगलवार की सुबह से लेकर शाम तक खोजबीन की गयी। ए वही बुधवार की दोपहर 2:00 बजे के करीब उनके शव को तालाब में तैरता हुआ देखा गया, जिससे वहां से निकाला गया, वही परिजन के द्वारा शव के शरीर में जख्म के निशान को देखकर आक्रोशित हो गए एवं एवं ईसीएल मेन गेट पर शव को रख कर हंगामा करने लगे। एवं सीआईएसएफ के जवान को देखकर मेन गेट पर पथराव कर दिया । वही अनुमंडल प्रशासन के द्वारा सभी आक्रोशित परिजनों को समझाया गया । अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा खबर लिखे जाने तक वार्ता चल रही है, फिलहाल परिजन ₹50 लाख की मुआवजा एवं ईसीएल में नौकरी एवं उनके बच्चे का भरण पोषण की मांग पर अड़े हुए हैं।
ईसीएल प्रबंधक के द्वारा प्राइवेट नौकरी , डीएवी पब्लिक स्कूल ऊर्जानगर में 12वीं तक 4 बच्चे की पढ़ाई निशुल्क सुविधा एवं आने-जाने बस फ्री एवं 2लाख 50 हजार की राशि मुआवजा की बात होने पर शव को उठाया गया।