बाल अधिकार सप्ताह के तहत बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया
रिपोर्ट: अजित यादव
दुमका।
बच्चों के सर्वांगीण विकास, उनकी सुरक्षा, संरक्षण एवं देखभाल प्रदान करने हेतु संपूर्ण विश्व में बाल अधिकार सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। उपायुक्त राजेश्वरी बी के निर्देश पर दुमका जिले में भी बच्चों के अधिकारों के संबंध में जागरूकता हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रतिदिन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दुमका जिले में बाल श्रमिक के रूप में कार्यरत बच्चों की खोज की जा रही है एवं उन्हें वहां से रेस्क्यू किया जा रहा है। दुमका बस स्टैंड स्थित भोजनालय में कार्यरत बच्चे को बालश्रम से मुक्त कराया गया। मुक्त कराए गए बालक को बाल कल्याण समिति ,दुमका के समक्ष प्रस्तुत किया गया । जिला जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने कहा कि रेस्क्यू कराए गए बच्चे को जिला प्रशासन के निर्देश पर पुनर्वासन कराया जाएगा । इसके तहत बच्चे का विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा एवं उसे स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे इस प्रकार की घटना की पुनरावृति ना हो। बाल कल्याण समिति की सदस्य सुमिता सिंह ने ऐसे दुकानदारों,प्रतिष्ठानों को अगाह किया कि अगर दुबारा बाल श्रमिक के रुप में बच्चों से काम लिया जाता है,तो ऐसे दुकानदारों, प्रतिष्ठानों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि बाल श्रमिकों की खोज एवम् रेस्क्यू एक अभियान के रूप में कि जाएगी। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बताया कि प्रत्येक बच्चे में हुनर छिपा होता है ,जरूरत है सिर्फ उन बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मौका देना।साथ ही उन्होंने बताया कि अगर ऐसे बच्चे जो कि जोखिम पूर्ण परिस्थिति में रह रहे हैं, जिनका लालन पालन करने में परिवार किसी प्रकार की कठिनाई का सामना कर रहा है तो वह जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क कर सकते हैं। रेस्क्यू टीम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ,अनिल मोहन ठाकुर( एल पी ओ), चाइल्ड भू लाइन ,दुमका के जिला समन्वयक मधुसुदन सिंह , टीम सदस्य अनिल कुमार साह, इब्नूल हसन, निक्कू ,शांति लता एवं जीशान अली शामिल थे।