मुख्य सचिव द्वारा दीपावली एवं काली पूजा के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया गया
गोड्डा।
मुख्य सचिव -सह- अध्यक्ष, राज्य कार्यकारिणी समिति झारखंड राँची के द्वारा नवंबर, 2020 माह में होने वाले दीपावली एवं काली पूजा के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया गया है। उक्त दिशा निर्देश के अंतर्गत कंटेनमेंट जोन में दीपावली एवं काली पूजा आयोजित करने की छूट नही होगी। साथ ही दीपावली एवं काली पूजा आयोजन के क्रम में सभी पूजा समितियों को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड रांची द्वारा निर्गत दिशा निर्देश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा समय पर निर्गत निर्देशों का पालन इस अवसर पर सख्ती से कराया जाना आवश्यक है। इस हेतु उपायुक्त -सह- अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकार भोर सिंह यादव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 (2) की उपधारा (V),(VIII),(X I) एवं (XVIII) में प्रदत शक्ति का उपयोग करते हुए गोड्डा जिला अंतर्गत सभी काली पूजा पंडाल समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों को दीपावली एवं काली पूजा आयोजन के क्रम में निर्देशों को अक्षरश: से अनुपालन करने का आदेश जारी किया है।
दीपावली एवं काली पूजा आयोजन के क्रम में निम्नलिखित निर्देशों को पालन करना अनिर्वाय :-
सार्वजनिक स्थलों पर पटाखा जलाने को प्रतिबंधित किया गया है।
झारखंड में ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के आलोक में आतिशबाजी की अनुमति होगी। राज्य सरकार के अनुसार घरों में भी लोगों को National green tribunal (एनजीटी) के आदेश के मुताबिक ही पटाखे जलाने को अनुमति होगी। एनजीटी के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की होगी, वहां ग्रीन पटाखे जला सकते हैं। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक राज्य के ज्यादातर शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का ही है।
काली पूजा में बड़े पंडाल बनाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही आयोजकों को पंडाल बनाने पर इस बात का ध्यान रखना होगा कि श्रद्धालु पंडाल के अंदर ना पाए।
मंदिर में पूजा पंडाल मंडप का निर्माण किसी विशेष विषय पर नहीं किया जाएगा।
किसी तरह का तोरण द्वार या स्वागत द्वार नहीं बनाया जाएगा
जिस जगह मूर्ति रखी गई है उस स्थान को छोड़कर शेष भाग खुला रहेगा
किसी तरह का थीम पर कोई पंडाल या मंडप नही बनेगा।
काली पूजा के पंडाल में सके समय मे पुजारी और आयोजक को मिलाकर सिर्फ 15 लोगो की अनुमति दी गई है। यानी अब पंडाल के अंदर कुल 15 लोगो को एक पूजा करने की इजाजत होगी। साथ ही सामाजिक दूरी का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।*
सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा। केवल 55 डेसिबल तक लाउडस्पीकर से मंत्रोच्चार किया जा सकेगा। इसके अलावा किसी प्रकार का प्री-रेकॉर्डिंग ऑडियो बजाने की अनुमति नही होगी।
काली पूजा के अवसर पर पूजा पंडालों के पूरे क्षेत्र में खाने पीने के सामान का स्टॉल, ठेला एवं खोमचा लगाने की अनुमति नही है तथा किसी प्रकार का मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा।
कोई सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा।
भीड़ वाले इलाकों में पटाखों की दुकान खेलें नहीं लगाने का निर्देश दिया गया है।
पूजा पंडाल के पूरे क्षेत्र में संगीत का कोई मनोरंजक या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता है। साथ ही सामुदायिक भोज, भंडारा, प्रसाद, भोग आदि के आयोजन की अनुमति नहीं है।
कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के संबंध में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्गत मापदंड का पालन करना अनिवार्य होगा।
पूजा के आयोजकों, कार्यकर्ताओं एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।
सार्वजनिक स्थानों पर फेस मार्क्स का प्रयोग तथा सामाजिक दूरी (न्यूनतम 6 फीट) का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना अनिवार्य होगा। सभी आगंतुकों के तापमान की जांच की जाएगी।
जो लोग पूजा पंडाल या मंडप में होंगे, वे सफाई का ख्याल रहेंगे और कोविड-19 के प्रोटोकॉल को पालन करेंगे।
दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के सुसंगत धाराओं के अधीन कानूनी कार्रवाई की जाएगी।