बिहार की पुलिस ने दिखाया अपना अमानवीय चेहरा बेरहम पुलिस वालों ने एक युवक की ले ली जान
भागलपुर।
भागलपुर जिला अंतर्गत नवगछिया के बिहपुर थाना कि पुलिस का राक्षसी चेहरा सामने आया है। राक्षसी नमूना पेश करते हुए मामूली सी बात को लेकर एक युवक पुलिस से जरा सा उलझ क्या गया उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। मामला थाना क्षेत्र के मड़वा का है। जहां भागलपुर के बूढ़ानाथ निवासी आशुतोष कुमार की बिहपुर थानेदार और अन्य पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पिटाई कर उनकी जान ले ली है। वहीं इस मामले में मृतक आशुतोष के भाई सूरज पाठक ने बताया कि आशुतोष कुमार सॉफ्टवेयर इंजीनियर था| वह अपनी पत्नी और बच्ची के साथ नवरात्रि में पूजा – पाठ करने के लिए पुश्तैनी घर गया हुआ था| इसी क्रम में बैरियर हटाने को लेकर एक स्थानीय युवक से उनका विवाद हो गया। देखते ही देखते वहां पुलिस पहुंच गई| लेकिन दोनों को समझाने के बजाय थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों ने आशुतोष को पीटना शुरू कर दिया। बेरहम पुलिस वालों का जब इससे भी मन नहीं भरा तो उन्होंने आशुतोष को थाना के हाजत में भी जमकर पीटा है। इस दौरान आशुतोष लहूलुहान हो गया| गंभीर अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर घटना से आक्रोशित मृतक के परिजनों और अन्य स्थानीय लोगों ने शव को मुख्य सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। प्रदर्शन कर रहे परिजन आरोपी थानेदार पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आक्रोशित परिजनों ने एनएच 31 को जाम कर दिया है। बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। डीएसपी और एसपी मौके पर पीड़ित परिवार के परिजन से बात चीत कर रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे निर्दय पुलिस को सजा देने के लिए निलंबित करना क्या कम नहीं लगता? क्या उन्हें डिस्मिस कर देना उचित नहीं होगा अगर ऐसा होता है तो कोई भी पुलिस वाला किसी सभ्य आदमी के ऊपर हाथ डालने के पहले सौ बार सोचेगा मुजरिम के ऊपर तो जुल्म करने की हिम्मत तो पुलिस नहीं कर सकती मगर शरीफ लोगों पर जुल्म करना उन्हें आसान सा लगता है। हालांकि मुजरिम को भी इतनी बेरहमी से पीटना या मारना मानवता के खिलाफ है अब देखते हैं की इस चुनावी माहौल के दरमियान सरकार क्या फैसला लेती है उस निर्दय पुलिस को क्या सजा देती है। और पीड़ित परिवार को क्या मुआवजा देती है।