*GODDA NEWS:तूल पकड़ता जा रहा है डॉक्टर की मौत का मामला*

तूल पकड़ता जा रहा है डॉक्टर की मौत का मामला
– डीएमएफटी में भारी-भरकम राशि रहने के बावजूद 6 माह से अनुबंध कर्मी चिकित्सकों को वेतन नहीं मिल पाना जांच का विषय: प्रदीप विद्यार्थी
– झारखंड में फेल हो गया है प्रशासन तंत्र: भाजपा

गोड्डा।

डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डीएमएफटी मद में भारी-भरकम फंड रहने के बावजूद इस फंड से अनुबंध पर बहाल किए गए चिकित्सकों को पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिल पाना राजनीतिक एवं सामाजिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।
एन्टी करप्शन काउंसिल ऑफ इण्डिया के संथाल परगना चेयरमैन प्रदीप कुमार विद्यार्थी ने पोड़ैयाहाट प्रखंड के देवडाड़ में पदस्थापित डाॅ विजय कृष्ण श्रीवास्तव की मौत पर सवाल उठाते हुए मौत की सीआईडी से जांच कराने की मांग की है । उन्होंने कहा कि खनन विभाग, गोड्डा के पत्रांक 489/2020 के अनुसार गोड्डा जिला प्रशासन को डीएमएफटी मद में वर्ष 2018 में 45 करोड़ 85 लाख मिले। जबकि वर्ष 2019 में एक अरब तीन करोड़ दो लाख पंद्रह हजार 844 रूपये मिले। वही मार्च 2020 तक 9 करोड़ रूपये गोड्डा के विकास हेतु डीएमएफटी फंड से मिले। फिर किन कारणों से डीएमएफटी मद से अनुबंध पर बहाल होने वाले वेतन रोका गया ? इसकी गहन जांच होनी चाहिये।

वेतन के अभाव में चिकित्सक की मौत चिंता का विषय: राजीव
भाजपा के जिला अध्यक्ष राजीव मेहता ने कहा है कि झारखंड सरकार का पूरा प्रशासनिक तंत्र फेल हो चुका है। सभी क्षेत्रों में अराजकता व्याप्त है। एक ओर जहां हत्या , बलात्कार जैसी घिनोनी घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है ,तो दूसरी ओर बेरोजगारों और प्रवासियों को काम नहीं मिलने से उनका जीना दुभर हो गया है।अराजकता इस कदर हो चली है कि वेतन के आभाव में कोरोना वारियर्स डॉक्टर की मौत हो जाती है। कोरोना काल में वेतन के अभाव में चिकित्सक की मौत सरकार की विफलता को दर्शाती है।इससे यह स्पष्ट है कि सरकार अपने दायित्वों के निर्वहन में पूर्ण विफल है।सरकार की मंशा जनहित से बिल्कुल अलग हो चुकी है। श्री मेहता ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टर विजय के वेतन के अभाव में जान चले जाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उनके परिवार को आवश्यक क्षतिपूर्ति राशि , बच्चों की समुचित पढाई की व्यवस्था व अन्य आवश्यक सुविधा अविलंब दी जाए।सरकार से यह मांग भी है कि यह सुनिश्चित किया जाय कि वेतन के अभाव में किसी सरकारी कर्मी की मौत न हो और जरूरत मंद एवं प्रवासियों को जीवन यापन हेतु रोजगार दिया जाय ।उनके पारिश्रमिक का ससमय भुगतान हो।

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