परिनिर्वाण दिवस पर याद किए गए बसपा संस्थापक कांशी राम
गोड्डा।
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम परिनिर्वाण दिवस पर शुक्रवार को श्रद्धा पूर्वक याद किए गए। भीम आर्मी के द्वारा सदर प्रखंड के मछिया सिमरडा गांव में बहुजन राजनीतिक के मसीहा कांशीराम का परिनिर्वाण दिवस फिजिकल डिस्टेंस का पालण करते हुए मनाया गया। कार्यक्रम की अगुवाई भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष माखन अम्बेडकर, जिला महासचिव निलेश मेहरा एवं जिला मीडिया प्रभारी आशीष अम्बेडकर* ने की। कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष एवं महासचिव ने कहा कि बहुजन समाज के महापुरुष तथागत गौतमबुद्ध से लेकर महात्मा ज्योतिबा फूले और बाबासाहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के मिशन को आगे बढ़ाने वाले और बहुजन समाज की राजनीति क्षेत्र में भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करने वाले और बहुजन समाज को राजनीतिक ज्ञान देने वाले डीएस 4 बामसेफ के संस्थापक कांशीराम युगपुरुष थे। उनके परिवार दिवस पर हमलोगों को संकल्प लेना चाहिए कि हमलोग संगठित होकर ही अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। कहा कि आज के समय में मनुवादी रोग से ग्रसित लोगों की लगातार कोशिश हो रही है कि बहुजन समाज को फिर से मनुवाद नामक गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने और फिर से बहुजन समाज के लोगों के अधिकारों का हनन किया जाए। इतना ही नहीं बहुजन समाज के मिशन और बहुजन समाज के महापुरुषों की विचारधारा को नष्ट करने की कोशिश लगातार जारी है। समय की यह मांग है कि बाबासाहब और कांशी राम के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए और बिखर चुके बहुजन समाज को फिर से एक माला में पिरोकर सब को एक साथ लेकर चला जाए। लेकिन दुख होता है कि अपने आप को बहुजन हितेषी मानने वाले लोग जनता को गुमराह कर भाजपा जैसे आरक्षण विरोधी व निजीकरण समर्थक पार्टी को वोट दिलवाते हैं।पर अब हम सभी युवा जग चुके हैं। अब फिर से हमलोग अपना राजनीतिक प्लेटफार्म को मजबूत करेगें।ताकि हमारे दलित, अतिपिछड़ा समाज फिर से शासक बन सकें। वक्ताओं ने कहा कि आन्दोलन कभी लाठी डंडे और गोली तलवार से नहीं जीता जाता है। गोली, तलवार से युद्ध लड़ा जाता है न कि आन्दोलन। मौके पर भीम आर्मी के जिला मीडिया प्रभारी आशीष अम्बेडकर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कहा कि आज के समय बहुजन समाज के हितों के लिए संघर्ष करने वाले चन्द्रशेखर आजाद रावण हमेशा बहुजन समाज को एक साथ लेकर चलने की बात कह रहे हैं । मौके पर रोशन अम्बेडकर,विनोद अम्बेडकर,मनोज मेहरा, मिथिलेश अम्बेडकर, हरेराम अम्बेडकर,चंदन अम्बेडकर, अशोक, टुनटुन अम्बेडकर, आंसू, मुकुल, मिथिलेश,विक्की, बूटा सिंह दास,गौतम अम्बेडकर आदि मौजूद थे।