ठाकुर गंगटी: जरूरतमंद गरीबों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा।
ठाकुरगंगटी प्रखंड के कई पंचायत हकीकत में बिचौलियों की गिरफ्त में हैं। क्योंकि सरकार की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आवास योजना समेत अन्य योजनाओं का लाभ जिन व्यक्तियों तक पहुंचना चाहिए उन व्यक्तियों तक नहीं पहुंच पा रही है। इसका मुख्य कारण है बिचौलियों का हावी होना है। प्रखंड के तेतरिया माल पंचायत के तेतरिया गांव में एक तस्वीर देखकर ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित नीरा देवी, पति कंचन कुंवर ने बताया कि पंचायत स्तर से लेकर प्रखंड के अधिकारियों तक अपनी समस्या को रख चुकी हूं । लेकिन उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल सका है। जब भी तेज बारिश होता है, घर में सोना मुश्किल हो जाता है। दूसरे के घर में शरण लेकर पूरा रात गुजारना पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो।वहीं गरीब भी यही उम्मीद लगाए बैठें हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्का छत मिलेगा। लेकिन सच तो यह है कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति तो योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं अमीर, प्रभावशाली लोगों की बल्लें- बल्ले हो रही है । आलीशान व बडे-बडे मकान, चौपहिया वाहन वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया है। कुछ सरकारी कर्मचारी भी इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। लाभुकों में राजनीति से लेकर गांव क्षेत्र के कई प्रभावशालीे लोग एवं जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। सभी प्रकार की सुविधाएं इन लोगों के पास होने के बावजूद संपन्न लोग अब प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए गरीब बन गए हैं ।मगर मिट्टी, फूस एवं खपरैल वाले घरों में रहने वाले गरीब व्यक्ति अभी भी उक्त योजना में नाम जुड़वाने एवं योजना का लाभ पाने के लिए धक्के खा रहे हैं । पंचायत प्रशासन एवं अधिकारियों की मिलीभगत से वास्तविक गरीब आवास से वंचित हैं। अमीर, धन्नासेठ एवं रसूखदार गरीबों की योजनाओं पर जमकर मजे लूट रहें हैं। पंचायतों में कई प्रभावशाली लोग जिनके पास दस बीघा से भी अधिक जमीन,चार पहिए वाहन के अलावा नौकरी पेशा वाले कई लोग गरीबी का चोला ओढ़ कर गरीबों के हक की पक्की छत छीन रहे हैं। यहीं नही एक ही मकान में रहने के बावजूद पिता सहित सभी बेटों के नाम से अलग-अलग प्रधानमंत्री आवास का लाभ अधिकारियों की लापरवाही के कारण दे दी गई है। जबकि पंचायत में कई ऐसे गरीब और बेसहारा परिवार जीवन बसर कर रहे हैं जो कई वर्षों से प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं । लेकिन उसे बारिश की मौसम में सिर छुपाने के लिए आशियाना नहीं मिला है।