मास्क के मुद्दे पर निर्दोष की पिटाई एवं जेल भेजे जाने की कार्रवाई पर गर्म हो रही राजनीति – निर्दोष की हो अविलंब रिहाई एवं डॉक्टर पर हो कार्रवाई की मांग पकड़ रही जोर – ठाकुरगंगटी की घटना को लेकर सुलग रहा असंतोष
विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा।
पेट दर्द से तड़पती मासूम बेटी की इलाज के लिए हरि देवी रेफरल अस्पताल, ठाकुर गंगटी आए संजय तांती की मास्क के सवाल पर डॉक्टर से बकझक के बाद पुलिस द्वारा संजय तांती की बेरहमी से पिटाई की बाद जेल भेजे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर डॉक्टर एवं पुलिस की भूमिका को लेकर सामाजिक एवं राजनीतिक हलकों में असंतोष गहराता जा रहा है। निर्दोष संजय तांती को जेल से रिहा करने एवं पुलिस बुलवा कर उसे पिटवाने एवं जेल भेजवाने वाले चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर गोलबंदी शुरू हो रही है। मालूम हो कि ठाकुरगंगटी स्थित हरि देवी रेफरल अस्पताल में 30 सितम्बर को पेट दर्द से पीड़ित 8 वर्षीय बेटी का इलाज कराने संजय तांती गए थे। ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने संजय एवं उसकी बेटी के मास्क नहीं पहनने के कारण इलाज करने से इंकार कर दिया था। विडंबना यह है कि खुद डॉक्टर भी मास्क पहने हुए नहीं थे। बावजूद इसके मास्क विहीन डॉक्टर ने दो टूक लहजे में कहा था जब तक मास्क पहनकर नहीं आओगे, इलाज नहीं होगा। संजय तांती गिड़गिड़ाता रहा कि उसके पास दवाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मास्क कैसे खरीद पाऊंगा। लेकिन पत्थर दिल डॉक्टर ने एक नहीं सुनी। बकझक होने पर पुलिस बुलवा लिया। वर्दी के मद में चूर ठाकुरगंगटी थाना के एएसआई पंकज कुमार ने संजय तांती को घसीटते हुए अस्पताल परिसर से निकाला और बीच चौराहे पर उसकी जमकर धुनाई शुरू कर दी। डंडा बरसाते बरसाते उसे पुलिस लॉकअप में बंद कर दिया। इस कांड के सूत्रधार मास्क विहीन एवं संवेदनहीन डॉक्टर विवेकानंद ने संजय तांती पर सरकारी कार्य में बाधा डालने संबंधी प्राथमिकी दर्ज करा दी और पुलिस ने आनन-फानन में उस निर्दोष को जेल भेज दिया। हालांकि पुलिस की पिटाई संबंधी वीडियो वायरल होने पर पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश ने त्वरित संज्ञान लेते हुए घटना की सत्यता की जांच कराई और मामला सही पाए जाने पर घटना के दूसरे दिन ही निर्दोष की पिटाई करने वाले ए एस आई पंकज कुमार को निलंबित कर दिया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर पर कार्रवाई करने के बदले बचाने पर लगा हुआ है। सिविल सर्जन खुल कर स्वयं मास्क नहीं पहनने वाले डॉक्टर का बचाव कर रहे हैं।
इस घटना की घोर निंदा हो रही है। सभी की जुबान पर डॉक्टर एवं पुलिस के असंवेदनशील रवैया की चर्चा हो रही है। डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई एवं निर्दोष संजय तांती की जेल से रिहाई की मांग जोर शोर से उठ रही है। शनिवार को जिला परिषद सदस्य निरंजन पोद्दार ने निर्दोष संजय तांती के परिजनों से मिलकर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया। परिवार का हालचाल जाना। श्री पोद्दार ने परिवारिक हालत को देखकर काफी चिंता जाहिर की । उन्होंने कहा कि इस मामले पर वह खुद पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश से मिलकर बातों को रखूगा। एक गरीब एवं निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से जेल भेजना किसी भी तरह उचित नहीं है। उन्होंने डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग सिविल सर्जन व उपायुक्त से किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर निर्दोष को नहीं छोड़ा गया तो हम लोग धरना पर बैठेंगे । साथ ही उस गरीब को छुड़ाने के लिए जो भी कदम उठाना होगा उठाया जाएगा। श्री पोद्दार ने पीड़ित परिवार के परिजन से मिलकर बंद लिफाफे में उन्होंने आर्थिक मदद भी किया है।
रिपोर्ट विजय कुमार बाइट निरंजन पोद्दार, जिला परिषद सदस्य