पोषक तत्वों से भरपूर हो आहार – पोषण अभियान एवं महिला कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया कार्यक्रम
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र एवं इफको के सौजन्य से “पोषण अभियान-2020 एवं महिला कृषक प्रशिक्षण” के अन्तर्गत पोषण जागरूकता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आत्मा के उप परियोजना निदेशक राकेश कुमार सिंह, डीडीएम नाबार्ड निर्मल कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ रविशंकर, इफको के एरिया मैनेजर विजय कुमार गुप्ता, गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा, आंगन बाड़ी सुपरवाइजर, आंगन बाड़ी सेविका, महिला कृषक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। आत्मा के उप परियोजना निदेशक राकेश कुमार सिंह ने आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं महिला किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस भोजन में हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व हों वह संतुलित आहार कहलाता है। आहार में ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो सही मात्रा में सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सके। इस तरह के आहार को संतुलित आहार कहा जाता है। संतुलित आहार के अंतर्गत हरी सब्ज़ियां, विभिन्न प्रकार की दालें, अंडे, दूध, मछली, फल, अनाज आदि को सम्मिलित किया गया है। वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर ने कहा कि पत्तेदार सब्जियों में भरपूर आयरन की मात्रा होती है, जो आखों की सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों के शारीरिक विकास में सहायक है। पालक, हरीमेथी, चौलाई, बथुआ, फूलगोभी, पत्तागोभी में सर्वोत्तम पौष्टिक तत्व मिलते हैं। आयरन तत्व की कमी के कारण एनीमिया, विटामिन ए की कमी के कारण रतौंधी बीमारी हो जाती है। हरे पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी में आयरन, पपीता, गाजर में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए हरे पत्तेदार सब्जियों एवं फलों को पोषण आहार आवश्यक रूप से शामिल करें। इफको के एरिया मैनेजर विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि विटामिन सी, आयरन का अवशोषण करने में मदद पहुंचाता है। त्वचा की सुरक्षा करता है और कोलेजन बनाने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं विटामिन सी घावों को ठीक करने में काफी फायदेमंद होने के साथ-साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाने का काम करता है। गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार ग्रहण करना बेहद जरूरी है। संतुलित भोजन, स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र देते हुए पोषण का महत्व, पोषण की कमी से होने वाली समस्याओं, दैनिक आहार में पौष्टिक भोजन ग्रहण करने के उपाय तथा पोषण वाटिका लगाने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। पोषण थाली तथा पोषण माला के विषय में बताया। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ हेमन्त कुमार चौरसिया ने पोषण वाटिका का ले आउट समझाते हुए बताया कि पोषण वाटिका में केला, पपीता, अमरूद, नींबू, गाजर, मूली, पालक, गोभी, बैंगन,मेथी, टमाटर, धनिया, मिर्च लगाएं एवं जैविक खाद के लिए पोषण वाटिका के किनारे छोटा केंचुआ खाद की यूनिट लगाएं, जिससे परिवार को खाने के लिए ताजे फल और सब्जियां पोषण वाटिका से प्राप्त हो जाएगी। सस्य वैज्ञानिक डाॅ अमितेश कुमार सिंह ने कहा कि फसलों की बायोफोर्टीफाइड प्रजातियों जैसे धान (सीआर धान-310, डीआरआर -45), गेहूं (डब्ल्यूबी-2, बीएचयू-1 एवं3), मक्का(पूसा विवेक, एचक्यूपीएम -1 एवं 5) में क्रमश: जिंक, आयरन एवं प्रोटीन, एमीनो एसिड की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। मौके पर डाॅ रितेश दुबे, डाॅ एपी ठाकुर, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रोशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। कार्यक्रम के अन्त में सभी आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी सेविकाओं, महिला कृषकों को इफको की तरफ से सब्जियों (पालक, मेथी, धनिया, गाजर, मूली) का बीज किट, जैव तरल खाद वितरित किया गया। केवीके की तरफ से भी अमरूद एवं बैंगन के पौधे आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाने के लिए दिया गया। रेखा देवी, अनीसा बानो, ब्यूटी कुमारी, सबीहा खातून समेत तीन प्रखंडों क्रमश: बसंतराय, पथरगामा एवं महागामा से आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी सेविका एवं महिला कृषक कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं।