*DUMKA NEWS:आज से झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने जी का तीन दिवसीय उपराजधानी दुमका दौरा, उपचुनाव से पहले जिलावासियों को देंगे कई नई- नई सौगात।उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां हुईं रेस*
दुमका आज से झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने जी का तीन दिवसीय उपराजधानी दुमका दौरा, उपचुनाव से पहले जिलावासियों को देंगे कई नई- नई सौगात।उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां हुईं रेस
रिपोर्ट: अजीत यादव
दुमका।
बेरमो और दुमका विधानसभा क्षेत्रों में होना है उपचुनाव, झारखंड में रिक्त दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक इसकी तिथि की अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार चुनाव के साथ ही बेरमो और दुमका विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव करा दिया जाएगा। इसे लेकर सभी बड़ी पार्टियों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। दुमका विधानसभा उपचुनाव में झामुमो से बसंत सोरेन तो भाजपा से डां लुईस मरांडी है सम्भावित प्रत्याशी। दुमका सीट झामुमो और भाजपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लुईस मरांडी को हराकर चुनाव जीता था। इस सीट को जीतना दोनों के लिए प्रतिष्ठा की बात है। जहां भाजपा की संभावित प्रत्याशी लुईस मरांडी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर अपने लिए समर्थन जुटा रही है वहीं झामुमो के बसंत सोरेन भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी 14 सितंबर से 16 सितंबर तक दुमका में रहेंगे। वे दुमका में कई नई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं।
दोनों विधानसभा सीटें हैं सत्ताधारी दल के खाते में। बेरमो और दुमका विस सीटें रिक्त होने के पूर्व सत्ताधारी दल के खाते में थीं। बेरमो सीट कांग्रेस के खाते में थी, तो दुमका झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में। बेरमो में कांग्रेस का प्रत्याशी और दुमका में झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रत्याशी लगभग तय है। भाजपा की ओर से किसी भी सीट पर प्रत्याशी का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। इसे लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में थोड़ी नाराजगी भी देखी जा रही है। नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कई वरीय नेताओं का कहना है कि अभी तक भाजपा की ओर से किसी के नाम का खुलासा नहीं होने के कारण कई लोगों ने स्वयं को प्रत्याशी के रूप में न केवल संगठन को अपना नाम बताया है बल्कि वे क्षेत्र में भी उसी रूप में लोगों के बीच जा रहे हैं। टिकट तो एक ही को मिलेगा, ऐसे में अन्य लोगों की नाराजगी का खामियाजा प्रत्याशी को झेलना पड़ सकता है।