*DUMKA NEWS:यूनिसेफ एवं एक्शन एड के संयुक्त तत्वाधान में कोविड काल में बाल संरक्षण एवं एम आई एस विषय पर लोक कल्याण सेवा केंद्र, ग्रांट स्टेट दुमका के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया*
यूनिसेफ एवं एक्शन एड के संयुक्त तत्वाधान में कोविड काल में बाल संरक्षण एवं एम आई एस विषय पर लोक कल्याण सेवा केंद्र, ग्रांट स्टेट दुमका के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया
रिपोर्ट: अजीत यादव
दुमका।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पीयूष सेन गुप्ता राज्य परियोजना प्रबंधक एक्शनेट ने कहा कि पलायन से वापस आये बच्चों का नीड एसेसमेंट कर विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता है। इसके लिए विभिन्न संबंधित विभागों एवं परियोजना के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम एवं पोक्सो एक्ट के कानूनी प्रावधानों को भी विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि ग्राम स्तर पर कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों का ट्रैकिंग कर जिला स्तर पर डैस बोर्ड बनाने की आवश्यकता है।कहा कि इससे एक साथ यह पता लगाया जा सकता है कि जिले में कितने बच्चे कठिन परिस्थिति में है और किस परिस्थिति के बच्चे हैं।इससे उन्हें आवश्यकतानुसार योजनाओं से जोड़ा जा सकता है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने कहा कि जिला के लगभग 40 बच्चों को तत्काल स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम से जोड़ कर लाभान्वित किया जाना है।जिसका आदेश उपयुक्त दुमका द्वारा दिया जा चुका है, योजना से जरूरतमंद और कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को प्रत्येक माह ₹2000 की राशि सरकारी सहायता के रूप में प्राप्त हो सकेगा। अमित कुमार जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्य ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए सभी का योगदान महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि समय समय पर कार्यशाला का आयोजन कर बाल विवाह अधिनियन के कानूनी प्रावधानों के संबंध में प्रशिक्षित किया जायेगा। तेजस्विनी के जिला समन्वयक उज्जवल कुमार ने कहा कि तेजस्वी क्लब में लगभग 95000 किशोरियाँ जुड़े हुए हैं। उन्हें कोविड-19 के संदर्भ में एवं बाल विवाह न करने के संदर्भ में समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किशोरियों को यह भी बताया जा रहा है कि वह खुद में क्षमता वर्धन करें और बाल विवाह होने पर उसका विरोध भी करना सीखें। राजीव कुमार ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए एक अनोखा कार्यक्रम जिला में चलाने की योजना है जिला भर से फुटबॉल मैच हेतु किशोरियों का चयन किया जाएगा और फुटबॉल मैच का आयोजन कर बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा इस फुटबॉल मैच अभियान का नाम “किक अगेंस्ट चाइल्ड मैरिज” होगा।उन्होंने कहा कि ऑडियो वीजुअल और रेडियो के माध्यम से भी गांव-गांव में किशोर किशोरियों को अधिकार बाल अधिकार के संदर्भ में जानकारी दिया जा रहा है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार शाह ने बताया कि बाल गृहों में कोरोना से बचाव हेतु बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है एवं सरकार द्वारा बनाए गए गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से प्राप्त निर्देशानुसार पलायन से वापस आए हुए बच्चों का मैपिंग किया जाना है इन बच्चों की सूची सिविल सर्जन से पत्र के माध्यम से मांगा गया है। लोक कल्याण सेवा केंद्र के सचिव संजीव कुमार ने कहा बाल संरक्षण हेतु जिले में विजन डॉक्यूमेंट बनाने की आवश्यकता है, जिससे कि इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी अधिकारियों पदाधिकारियों को पता चले कि जिला में कौन-कौन सी गतिविधि की जानी है। एक्शन एड एवं यूनिसेफ के जिला समन्वयक प्रमोद कुमार वर्मा ने कहा कि सभी विभागों का आपसी समन्वय के साथ कार्यक्रम का संचालन कर ही बाल संरक्षण किया जा सकता है एवं बच्चों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गाँव एवम प्रखंड स्तर पर बाल संरक्षण समिति बनाकर उसे सशक्त करने की आवश्यकता है इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिला में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण आवश्यक है जिसे जल्द ही जिला में क्रियान्वित किया जाएगा । नीरज कुमार ने कहा कि यदि जिले को एमआईएस एवं डाटा संकलन में सहयोग की आवश्यकता होगी तो एक्श एड की टीम इसके लिए सहयोग करेगी। सुधाकर केसरी, जिला समन्वयक पोषण अभियान ने कहा कि सितंबर माह को माह पोषण-माह के रूप में मनाया जा रहा है। गांव गांव में पोषण अभियान के तहत पोषण वाटिका बनाकर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साग सब्जी उगाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।पोषण अभियान के माध्यम से जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उसमें कोविड-19 के संबंध में भी जागरूक किया जा रहा है और यह बताया जा रहा है कि समय-समय पर हाथ धोएं, कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें और मास्क पहन कर रहें।