प्रवासी श्रमिकों को दिया गया सब्जी उत्पादन का तकनीकी प्रशिक्षण
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। प्रशिक्षण का विषय “उच्च मानक सब्जी उत्पादन तकनीक” था। वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर ने कहा कि जैविक खाद का प्रयोग अपनाकर प्रवासी श्रमिक ताजी सब्जियों का उत्पादन करें। नीम के पत्तियों तथा नीम के फल से तैयार जैविक कीटनाशी का प्रयोग सब्जियों की खेती में करें, जिससे कि सब्जियों पर खराब प्रभाव ना पड़े और ताजी सब्जियों का खाने में प्रयोग करके मनुष्य का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहे।उद्यान वैज्ञानिक डाॅ हेमन्त कुमार चौरसिया ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान सब्जियों की नर्सरी का लेआउट तैयार करना, मिट्टी की जांच, प्रतिरोधी किस्म का चयन, बीज उपचार करना, मल्चिंग, सूक्ष्म सिंचाई, बौछारी सिंचाई, टपक सिंचाई, टमाटर में स्टैकिंग करना, बाड़ी में केंचुआ खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी। नकदी सब्जी फसल आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, प्याज, टमाटर, बैंगन आदि की वैज्ञानिक विधि से खेती करने की विस्तृत जानकारी दी। सूक्ष्म सिंचाई, बहुस्तरीय फसल प्रणाली, सघन बागवानी पर आधारित फिल्म भी प्रवासी श्रमिकों को सभागार में दिखाया गया। इंडियन बैंक के वित्तीय साक्षरता पदाधिकारी अनूप कुमार ने प्रवासी श्रमिकों को बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया बताई। किसान क्रेडिट कार्ड की सहायता से श्रमिक बन्धु को सब्जी की खेती करने के लिए कृषि ऋण मिल सकता है।कार्यक्रम के अन्त में सभी प्रवासी श्रमिकों को लाल साग, बरबट्टी, बैंगन का बीज एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया। मौके पर डाॅ अमितेश कुमार सिंह, डाॅ प्रगतिका मिश्रा, डाॅ एपी ठाकुर, डाॅ रितेश दुबे, राकेश रोशन कुमार सिंह मौजूद रहे। रेशमा देवी, बाबूलाल, विवेकानंद मांझी, दिवाकर मंडल, नंदन रजक, रूपेश गोड़ाईत समेत 35 प्रवासी श्रमिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।