*GODDA NEWS:ओलचिकी लिपि के समर्थकों ने झामुमो विधायक का किया पुतला दहन*

ओलचिकी लिपि के समर्थकों ने झामुमो विधायक का किया पुतला दहन

नितेश रंजन की रिपोर्ट

पथरगामा।

सोमवार को प्रखंड के ग़ांधीग्राम चौक पर संथाली भाषा ओलचिकी लिपि के समर्थक आदिवासियों ने शिकारीपाड़ा के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक नलिन सोरेन का पुतला दहन किया। विरोध प्रदर्शन की अगुवाई शिक्षा अभियान के अध्यक्ष महेंद्र हांसदा कर रहे थे।
पुतला दहन से पूर्व ओलचिकी लिपि समर्थको ने पुतला के साथ विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। इस मौके पर रंजन कुमार मरांडी, नवल किशोर सोरेन, संझलो मरांडी, सोनी सोरेन, थॉमस हेम्ब्रम, परंजिक हांसदा, संतोष बेसरा, शिव कुमार मुर्मू, शिवशंकर हांसदा, शैलेन्द्र हांसदा, सिकंदर किस्कु आदि मौजद थे। विरोध प्रदर्शन एवं पुतला दहन करने के बाद आयोजकों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संथाली भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है।यह भाषा झारखंड, बिहार,बंगाल, उड़ीसा, असम, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा के अलावा पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, बंगलादेश में बोली जाती जाती है। संथाली भाषा 1935 से ओलचिकी लिपि में लिखते आ रहे हैं। यह संथालों की अपनी लिपि है। यह हमारी धर्म से जुड़ी हुई है तथा संथाल जन समूह और संथाली बोलने वाले समुदाय में स्वीकृत है।
कहा कि ओलचिकी लिपि से ही संथाली भाषा को भारतीय संविधान के 92 वें संशोधन धारा द्वारा  भारतीय संविधान की 8 वीं सूची में जगह दी गई है। झारखंड में मुख्यतः संथाली भाषा बोली जाती है और भाषा साहित्य भी ओलचिकी लिपि में लिखी जाती है। इस तरह से शिकारीपाड़ा विधयक के बयान का ओलचिकी समर्थक विरोध करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अगर हां तो यहां दबाए
1
Need Help?
क्या आप कुछ खबरें देना चाहते है या खबर पाना चाहते है?