प्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा पोषण वाटिका का प्रशिक्षण
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत “पोषण वाटिका” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर तथा गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया। कार्यक्रम में प्रवासी श्रमिकों को सम्बोधित करते हुए वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर ने कहा कि “पोषण वाटिका” की तकनीक सीख कर प्रवासी श्रमिक बन्धु अपने घर की बाड़ी में क्यारी बनाकर पोषण वाटिका बनाएं। पोषण वाटिका तैयार करने के लिए सामान्यत: 4-5 व्यक्तियों वाले परिवार की पूर्ति के लिए 200-300 वर्ग मीटर भूमि पर्याप्त होती है। स्वच्छ जल के साथ रसोईघर एवं स्नानघर से निकले पानी का उपयोग पोषण वाटिका में किया जा सकता है, जिससे एक तो संग्रहित अनुपयोगी जल का उपयोग हो सकेगा साथ ही उससे होने वाले प्रदूषण से छुटकारा मिल जाएगा तथा उत्पादित ताजी साग-सब्जी गुणवत्तायुक्त एवं कीटनाशक मुक्त होंगे। गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने प्रवासी श्रमिकों को बताया कि संतुलित भोजन के लिए एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल तथा 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जिसमें लगभग 125 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां एवं 75 ग्राम अन्य प्रकार की सब्जियों को खाना चाहिए। पोषण वाटिका में फल जैसे अमरूद, नींबू, पपीता, केला, आंवला एवं सब्जियों में जैसे गाजर, टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, लाल साग, पालक, धनिया, मूली आदि उगाना कई दृष्टिकोण से लाभप्रद है। इसमें स्थान का चयन, किस्मों का चयन स्थिति के आधार पर सुनिश्चित करते हैं। बाड़ी की मिट्टी की जांच तथा जैविक खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी गई। मौके पर डाॅ सतीश कुमार, डाॅ सूर्य भूषण, डाॅ. अमितेश कुमार सिंह, डाॅ प्रगतिका मिश्रा, डाॅ रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रोशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। रानी मिश्रा, नीतीश कुमार मांझी, राजू हरिजन, दीपक रविदास, धनंजय पंडा, मंटू गोड़ाईत, दिव्य कुमार मिश्रा, राहुल राउत, अनोज कुमार समेत 35 प्रवासी श्रमिक प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।