चैत्र नवरात्र: दुर्गा चालीसा की गूंज और भक्तों का उमड़ता सैलाब
चैत्र नवरात्र: दुर्गा चालीसा की गूंज और भक्तों का उमड़ता सैलाब
रामगढ़ प्रखंड के नोनीहाट के भदवारी ग्राम में चैती दुर्गा पूजा का शुभारंभ 30 मार्च, रविवार को चैत्र नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा चालीसा के पाठ के साथ हुआ। पूजा के दूसरे दिन से ही भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। सार्वजनिक चैती दुर्गा पूजा समिति भदवारी के सदस्य अरविंद कुमार ने बताया कि देवी मंदिर में हवन, पूजन और कन्या भोज का आयोजन किया गया। सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देते हुए रात्रि में मेले का भी आयोजन किया जाएगा।
पुरोहित विजय झा ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होता है। इस वर्ष घटस्थापन के दो शुभ मुहूर्त बने हैं। नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। भक्तों के कष्ट दूर करने और मन की शांति के लिए मां दुर्गा के शक्तिशाली मंत्रों का जाप किया जाएगा।
रामनवमी और चैती छठ की तैयारियां जोरों पर
देवी दुर्गा के मंदिरों के साथ ही पूरे देश में रामनवमी और महावीर मंदिरों की भव्य सजावट देखने को मिल रही है। बिहार में चैती छठ की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। चार दिवसीय यह महापर्व 1 अप्रैल से आरंभ होगा।
चैती छठ कार्तिक छठ की तुलना में कम भीड़भाड़ वाला होता है, लेकिन इसकी मान्यता और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। जिनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वे ही इस व्रत को करते हैं। मान्यता अनुसार कुछ परिवार एक, तीन या पांच वर्षों तक लगातार चैती छठ का व्रत करते हैं। इस पर्व का आयोजन नदी या पोखर पर सीमित स्थानों पर किया जाता है।
चैती छठ का शुभ मुहूर्त और विधि-विधान
1 अप्रैल (सोमवार) को नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन व्रती स्नान-ध्यान कर विशेष भोजन ग्रहण करेंगे। 2 अप्रैल (मंगलवार) को खरना होगा, जिसमें दिनभर उपवास के बाद शाम को गुड़ की खीर और सोहारी का प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। 3 अप्रैल (बुधवार) को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा, जिसमें व्रती नंगे पांव जलाशयों में खड़े होकर सूर्य देव की आराधना करेंगे। 4 अप्रैल (गुरुवार) को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर यह चार दिवसीय महापर्व संपन्न होगा। इसके बाद व्रती पारंपरिक विधि से प्रसाद ग्रहण करेंगे।
इस अवसर पर धार्मिक आस्था के साथ-साथ लोक संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।