झारखंड के पहाड़ खतरे में: अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान

झारखंड के पहाड़ खतरे में: अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान

दुमका। झारखंड के खूबसूरत पहाड़ों का अस्तित्व अब अवैध खनन की वजह से संकट में पड़ गया है। दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के बौडिया और कांजो पंचायत के बॉर्डर पर स्थित पहाड़ों में दिन-रात पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। खनन माफियाओं के बुलंद हौसले और प्रशासन की निष्क्रियता ने इन प्राकृतिक धरोहरों को विनाश की ओर धकेल दिया है।

दिन-रात चल रहा अवैध उत्खनन

खनन माफिया दिनदहाड़े जेसीबी मशीन और बारूद का इस्तेमाल कर पहाड़ों को छलनी कर रहे हैं। पहाड़ों से पत्थर निकालने के लिए जंगल के बीच से रास्ते बनाए गए हैं। ट्रैक्टरों के माध्यम से पत्थरों को पहाड़ से गांवों तक पहुंचाया जा रहा है। इस अवैध कारोबार के चलते जंगलों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई भी की गई है।

प्रशासन की खामोशी

खनन माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। संबंधित विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। प्रशासन की इस उदासीनता से माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए हैं।

पर्यावरण को भारी नुकसान

अवैध खनन के चलते क्षेत्र का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पहाड़ों पर धमाकों की आवाजें आस-पास के ग्रामीण इलाकों तक सुनाई देती हैं। पेड़ों की कटाई और खनिज संपदा के दोहन से इस क्षेत्र की जैव विविधता पर खतरा मंडरा रहा है।

भविष्य में संकट गहराने का खतरा

यदि समय रहते इन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में झारखंड के पहाड़ केवल इतिहास बनकर रह जाएंगे।

जनता की अपील

ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार और प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। झारखंड की प्राकृतिक धरोहर को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट: रमेश कुमार, आज तक

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