मनरेगा योजना में भारी अनियमितता: लखबीरवा पंचायत में सरकारी राशि का हो रहा दुरुपयोग
मनरेगा योजना में भारी अनियमितता: लखबीरवा पंचायत में सरकारी राशि का हो रहा दुरुपयोग
रामगढ़: रामगढ़ प्रखंड के लखबीरवा पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत सरकारी राशि के दुरुपयोग का मामला सामने आया है।
योजनाओं के नाम पर कागजों पर काम दिखाकर भारी बंदरबांट किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा समय पर जांच नहीं किए जाने का लाभ विभागीय कर्मी और बिचौलिए उठा रहे हैं।
बागवानी योजना में अनियमितता:
ग्राम मड़पा में मनरेगा के तहत कराई गई बागवानी में कई अनियमितताएं देखने को मिली हैं। जानकारी के अनुसार, जिस स्थान पर वर्ष 2021-22 में मनरेगा के तहत टीसीबी (ट्रेंच कटिंग बॉक्स) का निर्माण हुआ था, उसी स्थान पर वर्ष 2023-24 में फिर से बागवानी के नाम पर टीसीबी को काटकर ट्रेंच कटिंग का रूप दिया गया। यही नहीं, बागवानी के भीतर मनरेगा योजना के तहत एक पोखर का निर्माण भी कराया जा रहा है।
लोगों को दिखाने के लिए आम और अमरूद के पौधे तो लगाए गए, लेकिन पानी की कमी और देखरेख के अभाव में पौधे सूखकर मरने की कगार पर हैं। बिचौलियों द्वारा न तो पौधों की देखरेख की जा रही है, न ही उन्हें पानी दिया जा रहा है। बागवानी स्थल पर सुरक्षा के लिए घेराबंदी भी नहीं की गई है।
योजना स्थल पर बोर्ड न लगने का कारण:
योजना स्थल पर बागवानी कार्य का कार्यबोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जिससे लोगों को इस योजना के बारे में कोई जानकारी न हो सके। इसका सीधा लाभ बिचौलियों को मिल रहा है, जो योजनाओं के नाम पर सरकारी धन का गबन कर रहे हैं।
मनरेगा की वास्तविकता:
मनरेगा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को 100 दिन का रोजगार प्रदान करना है। लेकिन लखबीरवा पंचायत जैसे स्थानों पर यह योजना भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है।
प्रशासन की निष्क्रियता:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा समय पर जांच न होने के कारण बिचौलियों के हौसले बुलंद हैं। एक ही स्थान पर बार-बार योजनाएं पास कराई जा रही हैं, और सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
समाधान की आवश्यकता:
यह जरूरी है कि जिला प्रशासन इस मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ताकि गरीबों तक योजना का लाभ पहुंच सके।
रिपोर्ट: रमेश कुमार, समाचार आजतक, नोनीहाट