भारतीय राजदूत ने शायर सुशील साहिल को रंगून में किया सम्मानित
भारतीय राजदूत ने शायर सुशील साहिल को रंगून में किया सम्मानित
रांची
ईसीएल राजमहल के निवर्तमान मुख्य प्रबंधक सह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर सुशील साहिल को हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भारतीय राजदूत ने रंगून में आमंत्रित किया।
हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर कवियों के सम्मान में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर एवं उनकी धर्मपत्नी सुरभि ठाकुर द्वारा अपने आवास में रात्रि भोज का आयोजन किया।
जिसमें रंगून से उपराजदूत आशीष शर्मा, इंडिया सेंटर स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉ आशीष कांधवे के साथ अन्य पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए।
इस अवसर पर साहित्यिक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें शायर सुशील साहिल को आग्रह पूर्वक सुना गया।
हिंदी दिवस पर प्रथम सत्र का आयोजन विवेकानंद संस्कृतिक केंद्र रंगून में आयोजित किया गया जहां म्यांमार के बच्चों ने भरतनाट्यम की रंगारंग प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने हिंदी भाषा की बढ़ती ताकत से परिचय कराया।
साथ ही हिंदी की राह में आने वाली परेशानियों से दर्शकों को अवगत कराया ।उन्होंने बताया कि अभी भी अंगेजी के कई शब्दों का हिंदी में सरल अनुवाद नहीं हो पा रहा है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के उत्थान में भोजपुरी, मैथिली मागधी,संथाली, अवधि तथा अन्य भाषा एवं बोली के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।
कवि सम्मेलन का आयोजन म्यांमार, रंगून के विशाल ऑडिटोरियम में हज़ारों दर्शकों के बीच किया गया जिसमें डॉ सुशील साहिल ने अपनी ग़ज़लों से लोगों का मन मोह लिया। उन्हें सुनकर लोग झूमते रहे और देर तक खड़े होकर तालियाँ बजाते रहे।
इस अवसर पर डॉ रवींद्र शुक्ल, डॉ अंजना सिंह सिंगर के साथ रंगून के शायरों ने भो काव्य पाठ किया कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर आशीष कांधवे ने किया।
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु जिन कवियों को आमंत्रित किया गया।
उनमें ऊर्जानगर गोड्डा से डॉ सुशील साहिल, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ल, अमेरिका से इंद्रजीत शर्मा एवम उनकी धर्मपत्नी, दिल्ली से कवि प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु सपत्नीक,
बनारस से पत्रकार सनोज तिवारी एवं विधि पदाधिकारी अभय कुमार पांडे एवं नोएडा से कवयित्री डॉ अंजना सिंह सेंगर प्रमुख थे।