झारखंड बना वकीलों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य
झारखंड बना वकीलों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य
रांची: झारखंड राज्य सरकार ने वकीलों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के वकीलों के लिए पेंशन योजना शुरू की है,
जिससे झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है जो वकीलों को पेंशन प्रदान करेगा।
इस पहल के तहत, वकीलों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उन्हें अपने करियर के बाद भी वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
पेंशन योजना के प्रमुख बिंदु:
65 वर्ष से अधिक उम्र के वकीलों के लिए पेंशन: जिन वकीलों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और जिनके पास वैध लाइसेंस है, उन्हें 5000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी।
इस योजना से उन वकीलों को विशेष रूप से लाभ होगा जिन्होंने लंबे समय तक कानून के क्षेत्र में सेवा दी है और अब सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
नए वकीलों के लिए वित्तीय सहायता: वकालत के पेशे में कदम रखने वाले नए वकीलों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पहले तीन साल तक नए वकीलों को हर साल 5000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी,
जिससे वे अपने करियर की शुरुआत में आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकें।
वित्तीय सहायता के दायरे का विस्तार:30 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे और वित्तीय सहायता की आवश्यकता महसूस कर रहे वरिष्ठ वकीलों को भी इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।
सरकार का यह कदम वकीलों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने और उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
इसके अलावा, राज्य सरकार पुलिसकर्मियों के लिए भी रिटायरमेंट के बाद बेहतर लाभ देने की योजना बना रही है।
वकीलों और पुलिसकर्मियों के लिए उठाए गए इन कदमों को राज्य के विभिन्न वर्गों द्वारा सराहा जा रहा है।
वकीलों के समुदाय ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की है और इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो न केवल वकीलों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा बल्कि उनके परिवारों को भी एक मजबूत सहारा देगा।
यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया में योगदान देने वाले वकीलों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और कृतज्ञता का प्रतीक है।
झारखंड सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठाएंगे और अपने-अपने राज्यों में वकीलों की सामाजिक सुरक्षा के लिए योजनाएं बनाएंगे।