दादा दिलीप मुखर्जी के संघर्ष से ग्रामीण बैंक को मिला मुकाम

दादा दिलीप मुखर्जी के संघर्ष से ग्रामीण बैंक को मिला मुकाम

गोड्डा

विद्यापति भवन में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक रिटायरीज एसोसिएशन, तथा झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ द्वारा ग्रामीण बैंक के गांधी स्वर्गीय श्री दादा दिलीप मुखर्जी की 89 वीं जन्म जयंती मनाई गई।

दादा दिलीप मुखर्जी के चित्रपट पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्प अर्पित किया गया।

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव नितेश कुमार मिश्रा ने दादा के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि ग्रामीण बैंक कर्मियों के लिए उनका संघर्ष एवं योगदान इतिहास के पन्नों पर अमर है दादा का सपना था कि ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को भी बैंकर समझा जाए क्योंकि शुरुआत में तो सरकार ने ग्रामीण बैंक कर्मचारी को बैंकर मानने से इनकार कर दिया था।

नितेश मिश्रा ने कहा कि कि ग्रामीण बैंक के अगवा साथी दादा दिलीप मुखर्जी के संघर्ष का ही परिणाम है कि आज ग्रामीण बैंक को राष्ट्रीयकृत बैंकों के बराबर वेतन एवं भत्ते की सुविधा मिल रही है।

मृत्युंजय झा, महानंद झा, मनोज चौधरी, प्रदीप कुमार मंडल ने कहा कि दादा मुखर्जी के बिना ग्रामीण बैंक की कल्पना भी नहीं की जा सकती है उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लेने का यह दिवस है।

सुभाष मंडल, राजेश झा, पवन झा, चक्रधर महतो, योगेंद्र महतो, अशोक रक्षित, सुनील झा, रतन झा, मुकुल झा, पारस झा, प्रमोद पाठक, क्रांति प्रसाद ने कहा कि कि दादा द्वारा सभी ग्रामीण बैंक कर्मियों के लिए अन्य कामर्शियल बैंक की तरह समान वेतन, पेंशन एंव अन्य सुविधाएँ के लिए संघर्ष किया गया।

मुखर्जी दादा अखिल भारतीय क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के संस्थापक महासचिव थे।

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