विस्थापितों की समस्याओं का हुआ समाधान तो थिरकने लगे ग्रामीणों के पांव
विस्थापितों की समस्याओं का हुआ समाधान तो थिरकने लगे ग्रामीणों के पांव
एनटीपीसी कहलगांव और फरक्का को नहीं हुई कोयले की किल्लत
When the problems of the displaced were solved, the villagers started dancing
रांची
हर पत्थर में मूरत होती है, शिल्पकार उसे कौन सा आकार देता है, यह उनकी मानसिकता पर निर्भर है।
हम बात कर रहे हैं ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड की इकाई राजमहल परियोजना परियोजना के शिल्पकार यानी क्षेत्रीय महाप्रबंधक अरूपानंद नायक की।
यही कुछ चार-पांच महीने पहले की बात है। राजमहल परियोजना के सामने एक और जहां कोयला उत्खनन के लिए जमीन की किल्लत थी तो दूसरी ओर विस्थापन की समस्या मुंह बाए खड़ी थी।
इसी बीच ईसीएल प्रबंधन ने राजमहल परियोजना की कमान श्री नायक को सौपी।
बातचीत के क्रम में क्षेत्रीय महाप्रबंधक से जब हमने पूछा परियोजना में यह रचनात्मक बदलाव कैसे संभव हो पाया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वह खुद गांव से आते हैं, ग्रामीणों के कष्ट और दर्द को करीब से देखा और महसूस किया है । मैंने योगदान के बाद अधिकांश समय ग्रामीणों के साथ बिताया। उनकी समस्याओं को अपने और ऊपर के स्तर पर समाधान कराया और एक बार जब ग्रामीणों का विश्वास परियोजना के प्रति कायम करने में सफलता मिली तो बहुत सारी समस्याएं सुलझती चली गई ।
यही कारण है कि लोहांडिया, बसडीहा, तालझारी आदि क्षेत्रों से कोयला उत्पादन कर एनटीपीसी कहलगांव और फरक्का भेजना संभव हो सका।
क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 राजमहल परियोजना से 16.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। तमाम झंझावातों के बावजूद उनके योगदान के बाद 14.16 कोयला उत्पादन हो सका।
महाप्रबंधक श्री नायक को इस बात की टीस है कि थोड़ा चूक गए। बावजूद छोटे से कार्यकाल में बेहतर प्रदर्शन की चर्चा अवश्य है।
इसीलिए तो कोयला मंत्रालय के अध्यक्ष ने राजमहल परियोजना के सीएमडी की बेहतर प्रदर्शन की लिखित प्रशंसा की है।
अब बात करते हैं परियोजना प्रबंधन द्वारा किए जा रहे सामुदायिक विकास से संबंधित कार्यों की।
गोड्डा में आईटीआई, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतू सिलाई मशीन, मसाला उद्योग के अतिरिक्त ऊर्जा नगर में कंप्यूटर की शिक्षा उपलब्ध कराना आदि प्रमुख है।
क्षेत्रीय महाप्रबंधक का कहना है कि विस्थापित सहित आसपास के क्षेत्र में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, चिकित्सा और रोजगार उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।