नवरात्रि का हुआ शुभारंभ 17 अप्रैल को महानवमी के साथ समापन होगा
चैत्र नवरात्र दुर्गा पूजा स्थल पर उमड़ रहे भक्त
नवरात्रि का हुआ शुभारंभ 17 अप्रैल को महानवमी के साथ इसका समापन होगा
रामगढ़ प्रखंड के नोनीहाट के भदवारी ग्राम मे चैती दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया है।
जिसमे पूजा के दूसरे ही दिन से भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। सार्वजनिक चैती दुर्गा पूजा समिति भदवारी के सदस्य अरबिंद कुमार ने बताया की देवी मंदिर में हवन पूजन एवं कन्या भोजन का आयोजन किया गया।
सामाजिक सौहार्द के बीच रात्रि में मेला का भी आयोजन किया जायेगा। पुरोहित विजय झा ने बताया की हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से इस साल चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापन के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।
पहला शुभ मुहूर्त- 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 57 मिनट से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है।
चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ होने के साथ ही नया हिंदू वर्ष भी आरंभ होता है। चैत्र नवरात्रि पर लगातार 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और मंत्रोचार किया जाता है। अब पूरे नौ दिन तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। आपको बता दें कि मां के हर स्वरूप का खास महत्व है।
चैत्र नवरात्रि देवी उपासना कुछ खास चीजों के बगैर अधूरी मानी जाती है. इसमें मां दुर्गा की प्रतिमा, लड़की की चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा, बंदनवार, शक्कर, सिंदूर,पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, नैवेध, जावित्री, सोलह श्रृंगार (बिंदी, चूड़ी, तेल, कंघी, शीशा आदि), थोड़ी पीसी हुई हल्दी, आसन,
कमलगट्टा, शहद, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, दीपक, घी, अगरबत्ती, वस्त्र, दही, पंचमेवा, गंगाजल, नवग्रह पूजन के लिए अक्षत (साबहुत), चौकी, मौली, रोली और पूजा की थाली चाहिए.ऐसे में इसकी विधि-विधान के साथ पूजा करने के साथ मां दुर्गा के इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप किया जाता है जिससे भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते है और मन शांत भी रहता है।
देवी दुर्गा के इन मंत्रों को जपने से त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भी आशीर्वाद आपके साथ बना रहता है।
समाचार आज तक से नोनीहाट रमेश कुमार की रिपोर्ट