बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का दिखने लगा असर,
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का दिखने लगा असर,
ग्राम सभा की पहल से 14वर्षीय बच्ची की रूकी शादी
गोड्डा
बाल विवाह एक सामाजिक और कानूनी अपराध है लेकिन सामाजिक जागरूकता से कम उम्र में हो रहे बच्ची की शादी को रोका जा सकता है।
ऐसा ही देखने को मिला पोड़ैयाहाट थाना के एक गांव में जहां एक 14 वर्षीय बच्ची की शादी की तैयारी उसके माता- पिता कर चुके थे लेकिन ग्राम सभा की जागरूकता से बच्ची की शादी रुक गई।
बता दे कि बीती रात जब मां- पिता द्वारा बच्ची की शादी करने की योजना चल रही थी गांव के लोगो को जब इसकी भनक लगी तो गांव वाले ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के लिए काम कर रहे सामाजिक संगठन साथी और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के सामाजिक कार्यकर्ता संतोषिणी मुर्मू को सूचना दी।
सूचना के उपरांत संतोषिनी मुर्मू गांव गई। गांव में ग्रामसभा सदस्यों से बात की और गांव वाले के सहयोग से शादी को रोका गया।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के कार्यकर्ता जोहन मुर्मू, संतोषिणी मुर्मू, अनिमेष तिवारी ने गांव के पंचायत प्रतिनिधि मुन्ना साह के साथ बच्ची को बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।
जहां बच्ची की मां से अंडरटेकिंग लिया गया और बच्ची और उनकी मां का परामर्श के बाद बच्ची के हित को ध्यान रखते हुए बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बच्ची को उनकी बहन के पास भेजा और सामाजिक कार्यकर्ता को उनकी फॉलोअप की जिम्मेवारी दी गई है।
इधर साथी संस्था के कालेश्वर मंडल ने बताया कि साथी संस्था बाल विवाह मुक्त गोड्डा की स्थापना के लिए लगातार सामुदायिक स्तर, ग्राम सभा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम बाल संरक्षण समिति, पंचायत प्रतिनिधि जैसे विभिन्न हितग्राही को जागरूक करने का कार्य कर रही है।
कहा कि पिछले दिनों बाल विवाह से आजादी की ओर अग्रसर गोड्डा के तहत जागरूकता के लिए मानव श्रृंखला, मशाल जुलूस, कैंडल मार्च जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है।