महेशपुर काली मंदिर मेंं देवी की पुर्नस्थापना को लेकर निकली कलश शोभा यात्रा

महेशपुर काली मंदिर मेंं देवी की पुर्नस्थापना को लेकर निकली कलश शोभा यात्रा

— आद्याशक्ति मां काली का नगर भ्रमण आज

गोड्डा

बसंतराय प्रखंड के महेशपुर स्थित नवनिर्मित भव्य मां काली मंदिर में आद्याशक्ति मां काली की पुर्नस्थापना को लेकर आयोजित चार दिवसीय अनुष्ठान के तहत मंगलवार को भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई।

508 महिलाओंं ने महादेव मंदिर परिसर स्थित टंकर से कलश में गंगाजल भरकर यज्ञ मंडप तक पहुंचाया।

इसके पूर्व वैदिक मंत्रोच्चर के बीच वरूण देव का पूजन किया गया। शोभा यात्रा महादेव मंदिर से निकलकर मुख्य चौक से बोदरा राेड से गुजरती हुई पंडित टोला- चौधरी टोला -कुंहारटोली होकर काली मंदिर पहुंची।

काली मंदिर से लेकर महादेव मंदिर तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। तदोपरांत देवी स्थापना को लेकर वैदिक कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। वहीं वैदिक मंत्रोच्चार व दुर्गा सप्तशति के सस्वर पाठ से आसपास गांवों का वातावरण आध्यात्मिक हो गया है।

वैदिक कार्यों का संचालन यज्ञाचार्य डा. रतीश चंद्र झा कर रहे हैं। जबकि सहयोगी के रूप में विवेकानंद झा, रामभजन मिश्र, जयप्रकाश मिश्र, विष्णुकांत झा, संदीप कुमार, गणेश कुमार, उज्जव मिश्र, नंदन मिश्र सहित स्थानीय पंडित दिलीप कुमार झा ,

अर्जुन झा, काजेश कुमार झा आदि शामिल थे। यजमान के रूप में मंटू झा सपत्नी पूजन कर रहे थे।

यज्ञाचार्य डा. रतीश चंद्र झा ने कहा कि बुधवार को माता को नगर भ्रमण कराया जायेगा। ऐसे में महिलाओं से अपने घर के आगे दीपक जलाने एवं माता की आरती उतारने का आह्वान किया।

पूर्वजों व देवी देवताओं के आशीर्वाद व पुण्य प्रताप से ही माता जगतजननी आद्या शक्ति मां दक्षिणेश्वर काली की पुर्नस्थापना का सौभाग्य ग्रामीणों को प्राप्त हुआ है।

माता की असीम कृपा से ही भव्य मंदिर तैयार हो गया है। पूरा गांव आज माता की स्थापना को लेकर उत्साहित हैं।

अनुष्ठान के क्रम में मंगलवार को प्रायश्चित, जलयात्रा,गणेश अंबिका पूजन, सप्तघृत मातृका पूजन, नान्दीमुख, वरण, रक्षाबंधन व आरति की गई। जबकि बुधवार को वास्तु पूजन तथा अन्यविध वेदियों की स्थापना , महारनपन एवं नगरपरिक्रमा व आरति होगी।

जबकि अंतिम दिन गुरुवार को आवाहित देवता पूजन, जगन्नता का श्रृंगार, प्राण प्रतिष्ठा, पोड्शोपचार पूजन, हवन, आरति, कुमारिका पूजन एवं भंडारा का आयोजन किया गया है।

मंदिर को आकर्षक रूप दिया गया है तथा पूरे गांव को सजाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीण नवयुवक , वरिष्ठ नागरिकों सहित गांव से जुड़े महानुभावों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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