चपोता समुदाय महासम्मेलन में उठी अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग
चपोता समुदाय महासम्मेलन में उठी अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग
गोड्डा
अखिल भारतीय चपोता समुदाय महासंघ के तत्वावधान में रविवार को स्थानीय ब्लॉक फील्ड पर एक दिवसीय चपोता महासम्मेलन का आयोजन हुआ।
सम्मेलन में बिहार के 40 एवं झारखंड के 36 गांवों से बड़ी संख्या में समुदाय का पुरुष एवं महिला शामिल हुए।
समाजसेवी सरयू प्रसाद मांझी की अध्यक्षता में आयोजित भव्य सम्मेलन का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी गोड्डा के सचिव सुरजीत झा द्वारा फीता काटने के पश्चात श्री झा, रेडक्रॉस उप सभापति निरभ किशोर एवं चैंबर ऑफ कॉमर्स व मारवाड़ी युवा मंच के प्रांतीय पदाधिकारी प्रीतम गाड़िया सहित महासंघ के
पदाधिकारियों द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी के तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ।
मुख्य अतिथि श्री झा ने अपने संबोधन में कहा की सभी 76 गांव का प्रतिनिधित्व इस बात का प्रतीक है की समुदाय नव जागरण के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा की बाबा साहेब ने हाशिए पर खड़े समाज के उत्थान के लिए संगठित होने और शिक्षित होने का मूलमंत्र दिया था जो किसी भी समाज के चतुर्दिक विकास के लिए सर्वकालिक प्रासंगिक है।
विशिष्ट अतिथि श्री किशोर, श्री गाडिया, अध्यक्ष श्री मांझी सहित प्रांतीय पदाधिकारियों में शिक्षक जनार्दन मंडल, शंभू कुमार मंडल, प्रेम शंकर मांझी, चंदन कुमार, युवा मोर्चा अध्यक्ष पिंकू मांझी, बबलू मंडल, गुरु प्रसाद मांझी, संतोष मांझी, दिवाकर मांझी, श्याम सुंदर मांझी,
महिला मोर्चा अध्यक्ष सुनीता देवी, त्रिपुरारी मंडल, अजय कुमार मंडल, अंगद मंडल, विकास मंडल, प्रद्युम्न पूर्वे एवं ज्योतिष मांझी ने संबोधित करते हुए समाज को संगठित,
शिक्षित करने तथा राजनीति में समुचित भागीदारी पर जहां बल दिया वहीं केंद्र सरकार से चपोता समुदाय को अनुसूजित जाति में शामिल करते हुए समाज के लिए आरक्षण की मांग रखी।
कहा की अन्य नामों कुल बारह वर्गों में विभक्त समुदाय में से ग्यारह को आरक्षण प्राप्त है, इस आधार पर आरक्षण पर चपोता जाति का भी अधिकार बनता है।
कार्यक्रम का संचालन महासंघ के महासचिव शशि कुमार मांझी ने बड़े ओजस्वी अंदाज में किया।
सम्मेलन के अंत में मैदान से लेकर कारगिल चौंक तक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।