32 वर्षों से पारंपरिक तरीके से हो रही है मां जगदंबे की पूजा

32 वर्षों से पारंपरिक तरीके से हो रही है मां जगदंबे की पूजा

 

जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट के नोनीगांव स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा वर्ष 1992 में पहली बार मां दुर्गाजी की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। तब से अब तक प्रतिवर्ष नवरात्र के पहले दिन ही यहां मां का दरबार सजाने का कार्य प्रारंभ हो जाता है।

इस कार्यक्रम में कमेटी के कार्यकर्ता के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अपना योगदान करते हैं। प्रतिमा स्थापित होने के बाद प्रतिदिन सुबह शाम मां का पूजा पाठ होता है। साथ ही शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता है। इसका आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चे भाग लेते हैं।

यहां की शोभा देखने लायक होती है।इस दरबार से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का भी अधिक जुड़ाव हो गया है। लोगों का मानना है कि मां के दरबार में जो सच्चे दिल से याचना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

समिति के कार्यकर्ता अरविंद पंडित कहते हैं कि 32 वर्षों से लगातार यहां मां कि प्रतिमा स्थापित की जा रही है। मां का दरबार काफी मनमोहक सजाया जाता है। दरबार की सुंदरता देखते ही बनती है। सच्चे दिल से मांगने वाले की मुरादें भी माता रानी पूरी करती हैं। संरक्षक नरेश यादव कहते हैं कि यहां वर्ष 1992 में पहली बार मां की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में होने लगी और भारी संख्या में लोगों ने मां के मनमोहक स्वरूप का दर्शन किया। समिति में मुख्य रूप से अरविंद पंडित, पंचानंद माझी, परिमल पंजियार,नरेश यादव, दयनाथ मांझी, हरिहर मांझी, दिलीप मांझी, हीरालाल, राजू शाह, नजीर थानदार,पियून पंडित, राजेश मांझी शामिल है।

समाचार आज तक से नोनीहाट रमेश कुमार की रिपोर्ट

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