Jharkhand News:संथाली भाषा को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में कथित तौर पर यथोचित अहमियत नहीं दिए जाने पर विरोध में उतरे लोग
संथाली भाषा को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में कथित तौर पर यथोचित अहमियत नहीं दिए जाने पर विरोध में उतरे लोग
झारखंड/दुमका
झारखंड राज्य के जनजातीय बहुल इलाकों में बोली जाने वाली भाषा संथाली को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में कथित तौर पर यथोचित अहमियत नहीं दिए जाने के खिलाफ आरी चाली सुसार समिति सरैयाहाट के ओर से नेनसन सोरेन के नेतृत्व में आज मंगलवार को जनजाति बहुल कुरमाहाट गंगवारा देवघर जामा और महारो में सैकड़ों पर उतर कर हजारों की संख्या में जनजाति समुदाय के लोग ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
इसकी वजह से सभी स्थानों में फ़िलहाल यातायात व्यवस्था लगभग पूरी तरह से बाधित हो गई है। प्रर्दशनकारियो द्वारा सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है।प्राप्त जानकारियों के अनुसार यह जाम 24 घंटा के लिए आहूत आंदोलन मंगलवार की सुबह 9:00 बजे से शुरू हुआ है जो बुधवार सुबह 9:00 बजे तक चलेगा।
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विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि संथाली भाषा के लिए जनजाति समुदाय बहुलता वाले स्कूल में अस्थाई शिक्षक की नियुक्ति हो वॉर्लिंटियस शिक्षकों को पश्च शिक्षक के तौर पर नियुक्ति किया जाए प्रत्येक जिले में संथाली माध्यम के कॉलेजों की स्थापना की स्थापना हो संथाली स्कूल में विषय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति और सटीक समय पर पाठ्य पुस्तकों की वितरण हो।
इसके साथ अभिलंब संथाली माध्यम में आस्थान को तर डिग्री कोर्स चालू करने की मांग की जा रही है और सभी विद्यालय में संथाली नृत्य और गीत शुरू करने की भी मांग की गई है।
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नेन्सन सोरेन सचिव हुल वैसी झारखंड प्रदेश के द्वारा कहा गया कि हमने अपनी मांगों को लेकर कई बार प्रशासन को पत्र लिखा यहां तक की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अपना ज्ञापन सौंपा है लेकिन कोई लाभ नहीं हो रहा है।
केवल बड़ी-बड़ी बातें ही की जाती है लेकिन हमारे बेहतरी के लिए जमीन पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहे हैं ।उन्होंने कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले समय मैं और भी व्यापक आंदोलन होगा।
समाचार आजतक से नोनीहाट रमेश कुमार की रिपोर्ट