सुप्रसिद्ध नोनीहाट के नाग बाबा मेला का शुभारंभ आज
सुप्रसिद्ध नोनीहाट के नाग बाबा मेला का शुभारंभ आज
रिर्पोट:- रमेश कुमार (नोनीहाट)
दुमका।
जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट में सुखजुरा नाग बाबा का वार्षिक पूजन समारोह 22 जून गुरुवार को आरंभ होने जा रहा है। इसके साथ ही नोनीहाट सुखजोरा में नागिन मंदिर में पूजनत्सव की तैयारी किए गए। नागबाबा के प्रथम पूजन दिवस को पनढार के नाम से जाना जाता है।
यह परंपरागत रूप से 15 दिनों तक पूजनोत्सव मनाया जाता है। समापन के दिन एकदिवसीय मेला का आयोजन भी किया जाता है। नागबाबा के प्रती भक्तो को अटूट विश्वास एव आस्था है। आज भी नागबाबा के पानडार के दिन भूमि की खुदाई एवं खेतो की जुताई नहीं किया जाता है।
उसके बाद 15 दिन तक क्षेत्र में बाली बंद रहता है। क्षेत्र के अनेक गांव में नाग पूजा होते हैं, सुरजोरा नागधाम में अज्ञात धातु से निर्मित नागबाबा के विग्रह की पूजन होती है।
कब से हो रही है पूजा
कहते हैं कि भूमि खुदाई में एक पहाड़ियां को करीब सैकड़ो वर्ष पूर्व मिली थी। जिसे वर्तमान पांडा राजेंद्र मांझी रामजीवन मांझी उपेंद्र मांझी जयप्रकाश मांझी के पूर्वज को प्राप्त हुआ था।तभी से वार्षिक पूजन का प्रारंभ पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है।
देस के कोने से आते है श्रद्धालु
सुखजोरा नागबाबा धाम लोक आस्था के प्रतीक मानते हैं। इसकी प्रसिद्धि झारखंड समेत बिहार बंगाल तक व्यापक हैं। तथा देश के कोने-कोने से श्रद्धालु वार्षिक पूजन समझ में शामिल होने सुखजोर पहुंचते हैं।
यहां वार्षिक पूजन के दौरान नाग मंदिर मे शाम को मंडप में कीर्तन भजन के साथ पूजा किया जाता है। श्रद्धालु विशेष कर शाम को पूजन में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं तथा मंदिर में प्रसाद के रूप भूरा चढ़ाते पका हुआ कटहल का कोवा चढ़ता है आज भी श्रद्धालु मानते हैं की प्रथम पूजन दिवस में शामिल होने से 15 दिन तक नाग बाबा के दरबार में हाजिरी लगानी होती है।
सुखजोरा में विशेष कर मेंला के दिन में बाली की प्रथा है। उसी दिन श्रद्धालु बढ़ी संख्या में नागबबा को जानेव, फुल, भूरा से भरे डलिया अर्पित कर अपने और अपने परिवार की कुशलता कुशल मंगल की कामना करते हैं।