Jharkhand News:अब रिम्स में उपलब्ध होगी फोर-डी इको कार्डियोग्राफी की सुविधा
अब रिम्स में उपलब्ध होगी फोर-डी इको कार्डियोग्राफी की सुविधा
राँची न्यूज़।
रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आयुष के 173 चिकित्सा पदाधिकारियों समेत 297 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा।
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इस दौरान उन्होंने बाई प्लेन और सिंगल प्लेन कैथलैब और फोड-डी इको कार्डियोग्राफी मशीन का लोकार्पण भी किया. इसके बारे में बताया किया पूर्वी भारत में पहली बार रिम्स में ही फोर-डी इको कार्डियोग्राफी मशीन स्थापित की गई है।
फोड-डी इको कार्डियोग्राफी मशीन से से रियल टाइम थ्री-डी और फोर-डी रंगीन इमेज की सुविधा मिलेगी।
इस मशीन को लोकल एरिया नेटवर्क के माध्यम से कैथ लैब से जोड़कर मरीजों को आवश्यकतानुसार इफोफ्लोरो गाइडेंस की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग में 128 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन का भी मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया।
एकेडमिक भवन का भी हुआ उद्घाटन रिम्स में मुख्यमंत्री ने एकेडमिक भवन का भी उद्घाटन किया. इस भवन में एमबीबीएस की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
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इसके अलावा यहां चार हजार वर्गमीटर में पुस्तकालय का भी निमार्ण किया गया है. तीन सौ छात्रों की बैठने की सुविधा है. चार बड़े लेक्चर हॉल, तीन परीक्षा कक्ष, जिम रसोई, कैंटीन कॉमन रूम सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
मौके पर विकास सचिव सह मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विधायक समरी लाल, रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ, डॉ शैलेश त्रिपाठी आदि मौजूद थे।
मैं काफी लंबे समय से सरकारी व्यवस्था के तहत मरीजों को सेवा देना चाह रहा था. पिताजी भी चिकित्सक रहे हैं. मेरी पोस्टिंग आयुष सीएचओ के तौर पर हुई है. मैं सरकार का धन्यवाद देना चाहता हूं कि अधिक से अधिक लाभ मरीजों को मिल सके।
हमारी नियुक्ति के लिए मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. – डॉ रंजन कुमार मैंने 2021 में एमबीबीएस पूरा किया है. कर्णाटक के हसन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस से पढ़ाई की है. अब अपने राज्य में मरीजों को सेवा देनी है, इसलिए खुश हूं। बोकारो में मेरी पोस्टिंग हुई है. कोशिश रहेगी कि मरीजों को बेहतर इलाज दे सकूं और प्रारंभिक स्टेज में ही मरीजों की बीमारी को पकड़ कर बेहतर इलाज दे पाऊं. – डॉ संध्या कुमारी।
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मैंने नारायण मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. दुमका की रहने वाली हूं. अपने घर गांव के ही मरीजों को अपनी सेवा दूंगी. मेरे लिए इससे बेहतर और कोई बात नहीं हो सकता. कोशिश करूंगी की दुमका के लोगों की समस्या का निदान दुमका में ही कर सकूं. उन्हें किसी अन्य शहर नहीं जाना पड़े. – डॉ सृष्टिश्री नियुक्ति पत्र पाकर खुश हूं. ग्रामीण इलाकों को सबसे अधिक विशेष चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है. वहां रहकर इलाज करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. कोशिश रहेगी कि मरीजों को शुरुआती दौर में ही ठीक कर सकूं. मेरे पिताजी बिजनेसमैन हैं. मैं सरकारी पेशे में आया हूं. मेरा उद्देश्य सेवा करना ही है. – डॉ शांति सुमन सिंह अलख