Adani Share News :अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली जारी, अडानी में LIC का पैसा डूबा।
अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली जारी, अडानी में LIC का पैसा डूबा
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खास रिपोर्ट_ साजेब खान
नई दिल्ली।
अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली का दौर जारी है और उनकी कीमतें हर रोज लोअर सर्किट छु रही हैं। इससे देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि वे अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी पैसा लगाए हुए हैं। वर्तमान में, कोई भी निवेशक अडानी समूह के शेयरों में हाथ नहीं डालने के लिए तैयार नहीं हैं।
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में गिरावट आई है और अदानी के शेयर में अधिकांश निवेशों को नुकसान का सामना करना पड़ा है। अब अडानी के शेयरों में एलआईसी के निवेश घाटे में हैं।
अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी इन्वेस्टमेंट वैल्यू गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद 27,000 करोड़ रुपये रह गई है। इसके पूर्व, डिसेंबर 2022 के अंत तक अडानी ग्रुप के शेयरों में इक्विटी और डेट के तहत एलआईसी ने 35,917 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके साथ ही, अडानी ग्रुप कंपनियों में शेयरों की कुल खरीद वैल्यू 30,127 करोड़ रुपये थी। जनवरी 2023 के अंत तक, निवेश की मार्केट वैल्यू 56,142 करोड़ रुपये थी।
यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने अडानी ग्रुप के शेयरों को 85 फीसदी ओवरवैल्यूड बताया था। उन्होंने ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर का आरोप भी लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद से, अडानी के 10 लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू 146 अरब डॉलर या करीब 60 फीसदी गिर गई है। ग्रुप में एलआईसी का निवेश भी निगेटिव हो गया है, जिसका मतलब है कि एलआईसी को अडानी के शेयरों में घाटा हुआ है।
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अनुस्तुप्ति के आधार पर, यह अनुमान लगाया गया है कि 30 जनवरी के बाद से एलआईसी ने अडानी के शेयर खरीदे और बेचे नहीं हैं।
एलआईसी के पास अडानी एंटरप्राइजेज के 4,81,74,654 शेयर हैं जो दिसंबर 2022 को कंपनी की कुल पेड अप कैपिटल का 4.23 फीसदी बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, एलआईसी के पास दिसंबर तक अडानी पोर्ट्स में 9.14 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी, अडानी ग्रीन में 1.28 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी हिस्सेदारी थी। इससे पता चलता है कि एलआईसी का निवेश अडानी ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है।
30 सितंबर 2022 तक एलआईसी के पास कुल 41.66 लाख करोड़ रुपये के अंडर मैनेजमेंट एसेट (AUM) थे। इसके अनुसार, एलआईसी का निवेश अडानी ग्रुप के कुल पेड अप कैपिटल का केवल एक फीसदी से भी कम है।
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर मूल्य शुरुआती कारोबार में 5.98 फीसदी की गिरावट के साथ 1300 रुपये पर ट्रेड किया गया है। अन्य अडानी समूह के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है, जैसे कि अडानी पोर्ट 0.28 फीसदी, अडानी पावर 4.60 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन 5 फीसदी, अडानी ग्रीन 5 फीसदी, अडानी टोटल 5 फीसदी और अडानी विल्मर 2.27 फीसदी।
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समाचार के अनुसार, अडानी समूह के ग्रीनफील्ड कॉपर प्रोजेक्ट पर जानलेवा खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 6071 करोड़ का लोन एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक से मिला हुआ है, जिसका 75% खतरे में हो सकता है अगर अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसियां प्रोजेक्ट की रेटिंग घटा देती हैं। इस प्रोजेक्ट को अप्रैल से ए-माइनस रेटिंग मिलेगी जो बैंकों के लिए जोखिम होगा। इससे नीचे वाली रेटिंग बीबीबी होगी।
हिंदनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने के बाद से, विपक्षी दलों ने अडानी समूह के शेयरों में गिरावट की जांच की मांग की है, और साथ ही उन्होंने सरकारी कंपनियों के निवेशों की भी जांच की मांग की है, जो अडानी समूह की कंपनियों में किये गए हैं। लोगों का भरोसा एलआईसी जैसी कंपनियों पर है।