GODDA News:156 लोगों की स्वास्थ्य का किया गया जांच, इस दौरान मेडिकल कैंप में आयरन और कैल्शियम की गोलियों का भी वितरण”
156 लोगों की स्वास्थ्य का किया गया जांच, इस दौरान मेडिकल कैंप में आयरन और कैल्शियम की गोलियों का भी वितरण”
गोड्डा।
जिला शहरी स्वास्थ्य मिशन ने बुधवार को जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 2 के शिवपुर मोहल्ला में स्पेशल आउटरीच मेडिकल कैम्प आयोजित किया। इस चिकित्सा शिविर में ग्रामीणों ने भाग लिया और लगभग 156 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। टीम द्वारा ब्लड शुगर, बीपी की जांच की गई और एनीमिया मुक्त भारत के तहत स्कूली बच्चों का एनीमिया जांच की गई। इसके अलावा, आयरन, कैल्सियम के साथ अन्य जरूरी दवाओं का वितरण भी किया गया। चिकित्सा शिविर में एनीमिया स्टेट्स कार्ड भी उपलब्ध कराया गया।
इसे भी पढ़ें _Godda News:आप विधायक पहुंचे गोड्डा, कहा झारखंड में भी परचम लहराएगा उनकी पार्टी
मेडिकल कैंप के आयोजन से आसपास के बुजुर्ग लोगों में काफी खुशी देखी गई। बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे शामिल थे। डॉ पाठक ने आगे बताया कि बदलते मौसम के इस दौर में ज्यादातर लोग वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, जोड़ों का दर्द, ब्लडप्रेशर और चर्म रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित पाए गए।
dpsजिसका इलाज शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है। इन्हीं बातों के प्रचार प्रसार के लिए चिकित्सा शिविर लगाकर लोगों के इलाके में जरूरतमंदों की सेवा के लिए कैम्प आयोजित किया गया।
इसे भी पढ़ें _Dumka News:दुमका-भागलपुर हाईवे पर अनियंत्रित होकर गैस टैंकर पेड़ से टकराकर झाड़ी में घुसा,चालक गंभीर घायल
एएनएम अराधना कुमारी ने मरीजों का चेकअप करने के साथ उन्हें बदलते मौसम में होने वाली आम बीमारियों से बचाव के उपायों की भी जानकारी दी।
कैम्प में शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक जयशंकर ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि जो लोग पहले से किसी बीमारी की दवाएं ले रहे हैं, अपना ध्यान रखें। डायबिटीज के मरीज, छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं का बदलते मौसम में खासा खयाल रखें। बहुत ठंडा पानी या अन्य पेय पदार्थ ना पीएं। इससे गले की समस्या हो सकती है।
फिलहाल सुबह व शाम की सर्दी है, इसलिए गर्म कपड़े साथ रखें व जरूरत के हिसाब से इन्हें पहन लें। ताकि ठंडी हवाओं से बचा जा सके। मौसम बदलने पर डायबिटीज व सांस के रोगियों को सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। इस दौरान डायबिटीज के रोगियों को कमजोरी, खांसी, गले में दर्द और घुटन जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।
सांस के मरीजों को सांस फूलने, छींक और सांस लेने में तकलीफ की समस्या होने लगती है। इसलिए संतुलित आहार लें। घर से बाहर जाने पर रोगी अपनी दवाएं साथ लेकर जाएं।
इसे भी पढ़ें Dumka News:_हंसडीहा थाना में कार्यरत परमेश्वर सोरेन की मौत से पूरे थाना में छाया मातम का माहौल
उन्होंने कहा कि जिन्हें कोविड की पहली डोज लग गया है, उन्हें सही समय पर पुनः दूसरा डोज़ भी लेना चाहिए।
मौके पर एनीमिया मुक्त भारत फेलो मो तनवीर हसन, बीटीटी प्रह्लाद कुमार, बेबी कुमारी, एएनएम अल्बिना, सिंपू , रूपम, साधना सहित सहिया रानी, रजनी, आरती एवं कन्या मध्य विद्यालय शिवपुर गोड्डा की शिक्षक अर्चना गुप्ता, सीमा कुमारी ने भाग लिया।
आसपास के लोगों में मेडिकल कैंप के आयोजन से बड़ी खुशी देखी गई है। इस कैंप में बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे। डॉ पाठक ने बताया कि बदलते मौसम के इस समय में ज्यादातर लोग वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, जोड़ों का दर्द, ब्लडप्रेशर और चर्म रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। डॉ पाठक ने बताया कि इन बीमारियों का उपचार शहरी स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है।
इसे भी पढ़ें Banka News: वाहन जाँच टीम ने वसूला चार हजार रुपये का जुर्माना
चिकित्सा शिविर लगाकर लोगों के इलाके में जरूरतमंदों की सेवा के लिए कैम्प आयोजित किया गया था। एएनएम अराधना कुमारी ने मरीजों का चेकअप करते हुए उन्हें बदलते मौसम में होने वाली आम बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी भी दी।
इस चिकित्सा कैंप के आयोजन से लोगों में संतुष्टि देखी गई थी और वे इसकी सराहना करते रहे थे। इससे जरूरतमंद लोगों को सही समय पर सही उपचार मिलने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ था।
शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक जयशंकर ने एक शिविर में लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि ठंड के मौसम में डायबिटीज और सांस के रोगियों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मौसम में ठंडे पानी या अन्य ठंडे पेय पदार्थ न पीएं क्योंकि यह गले की समस्या का कारण बन सकते हैं।
वे डायबिटीज के मरीजों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को खयाल रखने की सलाह देते हुए बताते हैं कि इन लोगों को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि इन रोगियों को गर्म कपड़े साथ रखना चाहिए और जरूरत के हिसाब से उन्हें पहन लेना चाहिए। इससे वे ठंडी हवाओं से बच सकते हैं।
जयशंकर ने बताया कि मौसम के बदलने से डायबिटीज और सांस के रोगियों को बहुत तकलीफ हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों को कमजोरी, खांसी, गले में दर्द और घुटन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं जबकि सांस के रोगियों को सांस फूलने, छींक और सांस लेने में दिक्कतें होती है।
बताया कि सांस के मरीजों को सांस लेने और फूलने में तकलीफ हो सकती है और इसलिए उन्हें संतुलित आहार लेना चाहिए। रोगी बाहर जाने पर अपनी दवाओं को साथ लेना चाहिए। इसके अलावा, कोविड की पहली डोज लग चुकी लोगों को सही समय पर दूसरी डोज भी लेनी चाहिए।
मध्य विद्यालय शिवपुर गोड्डा की शिक्षक अर्चना गुप्ता, सीमा कुमारी सहित एनीमिया मुक्त भारत फेलो मो तनवीर हसन, बीटीटी प्रह्लाद कुमार, बेबी कुमारी, एएनएम अल्बिना, सिंपू , रूपम, साधना और सहिया रानी ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।