न्यायालय के स्थानांतरण का अधिवक्ताओं ने किया विरोध
न्यायालय के स्थानांतरण का अधिवक्ताओं ने किया विरोध
-कारगिल चौक स्थित शहीद स्थल पर अधिवक्ता संघ की ओर से की गई सभा
गोड्डा : व्यवहार न्यायालय को शहर से आठ किमी दूर सदर प्रखंड के पांडुबथान गांव के पास स्थानांतरित करने के सरकार के निर्णय के विरोध में बुधवार को शहर के कारगिल चौक स्थित सिदो-कान्हू प्रतिमा स्थल पर जिला अधिवक्ता संघ की ओर से विरोध सभा की गई।
इसमें संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार झा की अध्यक्षता में आम सभा की कार्यवाही में वक्ताओं ने न्यायालय के स्थानांतरण का विरोध किया। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता दिलीप कुमार तिवारी ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव योगेश चंद्र झा ने कहा कि इस न्यायालय को आठ किमी दूर स्थानांतरित करना सरकार की अदूरदर्शिता का परिणाम है।
यह पूरी तरह अव्यवहारिक है। स्थानीय पदाधिकारी व नेताओं ने कमीशन के चक्कर में अदानी के दलाल के रूप में काम किया है। कोर्ट स्थानांतरित होने से जिले वासियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसकी परवाह आज किसी भी जनप्रतिनिधि को नहीं है।
पदाधिकारी आयेंगे और जायेंगे लेकिन जिले वासियों को इसी अदालत से जुड़कर रहना होगा। अगर समय रहते इसका विरोध नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब आठ किमी दूर 50 रुपये खर्च करके लोगों को कोर्ट कचहरी जाना पड़ेगा।
वक्ताओं ने कहा कि जनता की कमाई की यह बर्बादी है। सिर्फ कमीशनखोरी व ठेकेदारी के लिए इस बनी बनाई व्यवस्था को ध्वस्त कर नई व्यवस्था बनाने में, शहर के स्वरूप को बदलने, ऐतिहासिक एवं जन लगाव से जुड़े स्थल को वीरान कर देने वाला निर्णय बताया।
न्यायालय परिसर में नया भवन 2018 में उद्धाटन हुआ है। इसके बावजूद इस परिसर में पर्याप्त उपलब्ध सरकारी जमीन पर भवन बनाकर इसे न्यायिक परिसर के रूप में विकसित किया जा सकता है।
कहा कि उनकी मांगों पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं में अजित कुमार सिंह, सर्वजीत झा, नूतन तिवारी, अफसर हसनैन, श्यामल किशोर ठाकुर, तनूज कुमार दुबे, अरुण सहाय, दिवाकर यादव, इनाम अहमद, प्रमोद पंडित आदि शामिल थे।