पदाधिकारियों की मिलीभगत से मनरेगा योजना में मची है लूट,

मेहरमा: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा योजना। सरकार की यह योजना मेहरमा प्रखंड के तुलाराम भुस्का पंचायत में लूट खसोट वाली योजना के रूप में तब्दील हो गई है। अधिकतर मनरेगा योजना में प्रखंड के तमाम अधिकारियों की मिलीभगत से बिचौलियों ने लूट मचाकर रखा है। मनरेगा मजदूर को रोजगार देने की गारंटी हो न हो, लेकिन योजना में बिना कार्य कराए लाखों रुपये राशि निकासी करने की पंचायत स्तर के पदाधिकारी के मदद से पूरी गारंटी है।

दरअसल, मनरेगा में आधा दर्जन से अधिक योजना में चौंकाने वाला मामला देखने को मिल रहा है। प्रखंड के तुलाराम भुस्का पंचायत में चल रही कई योजनाओं में बिना मजदूरों द्वारा काम किये पदाधिकारियों की मिलीभगत से मजदूरों के जॉब कार्ड से राशि की निकासी की जा रही है। बताते चलें कि आला अधिकारी जिस सरकारी आंकड़ों को सच मानकर कार्य कर रहे हैं, जबकि हकीकत इसके विवरित है। तमाम तरह की निगरानी के बाद भी मेहरमा प्रखंड में मनरेगा योजना में बिना कार्य कराए लाखों- लाख रुपये का फर्जी तरीके से मजदूर के जॉब कार्ड से निकासी जारी है।

 

किन-किन योजना में हुई है अवैध निकासी

1. मनरेगा योजना संख्या 9010260476, योजना का नाम बिशनपुर पुल से राधा कृष्ण के खेत तक डांड की खुदाई, अवैध निकासी 2,90,970 रुपये

 

2. मनरेगा योजना संख्या 9010260471, बिशनपुर में राधा कृष्ण के खेत से सकून साह के खेत तक डांड की खुदाई। अवैध निकासी 2,92,544 रुपये।

 

3. मनरेगा योजना संख्या 7080901273803, पंचायत तुलाराम भुस्का के ग्राम बेनी दास भुस्का मे गरिया बांध की खुदाई। अवैध निकासी 1,15,384 रुपये ।

 

मालूम हो कि मनरेगा जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरों का भुगतान सरकार डीबीटी के तहत सीधे जॉब कार्डधारी के बैंक खाता में भुगतान किया जाता है। और बिचौलिया को पैसा निकासी करने के लिए किसी बैंक का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ता है। कई ऐसे दर्जनों डिजिटल एप्लीकेशन हैं, उसी के माध्यम से घर बैठे मनरेगा मजदूर से अंगूठा लगाकर पैसे की निकासी करवा लेते है।

 

कैसे हो रहा है अवैध निकासी

प्रखंड में तमाम बिचौलिए सक्रिय हैं। ऐसे बिचौलिए अधिकतर फर्जी मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड बनाकर भाडा़ पर रखते हैं। और खाते में भुगतान होने पर उसके एवज में प्रति मजदूरों को दो से तीन सौ रुपये जॉब कार्ड धारियों को दे दिया जाता है। इस तरह से बिना काम किये ही मजदूरों के जॉब कार्ड पर राशि आवंटित पदाधिकारी एवं बिचौलियों की मिलीभगत से कराया जाता है। प्रखंड में विभिन्न पंचायत में ऐसे सैकड़ों मजदूर हैं जिनके जॉब कार्ड को बिचौलिया भाड़ा में रखने के लिए निर्गत कराया है।

मालूम हो कि प्रखंड के तुलाराम भुस्का पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 में चल रहे मनरेगा योजना में सभी नियम कानून को ताक पर रखकर बाल मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है।

 

गड़बड़ी और अनियमितता

मनरेगा योजना के तहत तुलाराम भुस्का पंचायत के विशनपुर गांव में चल रहे डांड की खुदाई योजना के नाम पर लगभग सात लाख रुपये की निकासी कर ली गई है। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है कि उक्त पंचायत में जितने भी डांड की खुदाई योजना में राशि की निकासी चल रहा है सभी योजना स्थल पर पूरी तरह पानी भरा हुआ है। बावजूद डिमांड कर पैसे की निकासी की जा रही है आखिर जेई कैसे कार्य का मापी पुस्तिका बनाते हैं भगवान जाने। तमाम बिन्दु पर सक्षम पदाधिकारी के द्वारा योजनाओं का निष्पक्ष तरीके से जांच करा ली जाए तो एक भी डांड की खुदाई मापदंड के मुताबिक नहीं पाया जाएगा। उक्त पंचायत में तीन से चार ऐसे योजना है जिस पर कोई भी कार्य नहीं हुआ है और पैसे की निकासी लगातार किया जा रहा है। आखिर हो रहे ऐसे कार्यों का जिम्मेदार कौन है ?

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